छत्तीसगढ़रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस पर ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ के शुभारंभ कार्यक्रम में हुए शामिल …

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर विधानसभा परिसर में स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने वृक्ष सम्पदा योजना के शुभारंभ के अवसर पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जारी करने की प्रक्रिया को Track करने हेतु Mobile App का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने वृक्ष सम्पदा योजना के शुभारंभ के अवसर पर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार जारी करने की प्रक्रिया को Track करने हेतु Mobile App का लोकार्पण किया. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे, खाद्यमंत्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, संसदीय सचिव शिशुपाल सोरी और चन्द्रदेव प्रसाद राय भी कार्यक्रम में उपस्थित हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत 1458 हितग्राहियों के खाते में कुल 22 करोड़ रुपए की राशि का हस्तांतरण किया। मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने मुख्यमंत्री की पहल पर शुरू की जा रही है योजना। सभी वर्ग के किसानों की पड़त भूमि पर होगा वाणिज्यिक वृक्षारोपण। 33 जिलों के 23 हजार 600 किसानों द्वारा 36 हजार 230 एकड़ में किया जाएगा वृक्षारोपण। सभी वर्ग के किसानों की पड़त भूमि पर होगा वाणिज्यिक वृक्षारोपण। 33 जिलों के 23 हजार 600 किसानों द्वारा 36 हजार 230 एकड़ में किया जाएगा वृक्षारोपण।किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक की आय होने का अनुमान। कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर 33 जिलों के 42 स्थानों में  ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का शुभारंभ किया।

किसान, इच्छुक भूमि स्वामी, शासकीय, अर्ध शासकीय एवं शासन के स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, पंचायत तथा भूमि अनुबंध धारक मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का लाभ उठा सकते हैं। इस वर्ष 12 प्रकार की प्रजाति के वृक्ष का रोपण किया जाएगा।

इनमें क्लोनल यूकलिप्टस’, रूटशूट टीक, टिश्यू कल्चर, चंदन, मेलिया दुबिया, सामान्य बांस, टिश्यू कल्चर बम्बू, रक्त चंदन, आंवला, खमार, शीशम तथा महानीम आदि के पौधे रोपे जाएंगे।

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