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चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने दलित चेहरे पर खेला बड़ा दांव, विरोधियों के मंसूबों पर फिरा पानी …

पंजाब। कांग्रेस ने पहली बार दलित चेहरे पर दांव खेलकर भारतीय जनता पार्टी की रणनीति की न केवल काट ढूंढ निकाली है बल्कि सूबे की बहुसंख्यक दलित आबादी को साधने का काम किया है। इसी के साथ पंजाब को अपना पहला दलित मुख्यमंत्री मिल गया है।

बता दें कि चन्नी जमीनी स्तर के नेता हैं। चन्नी दिसंबर 2010 में अमरिंदर की मदद से कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कैप्टन की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। चन्नी चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। इसके अलावा कैप्टन की सरकार से पहले साल 2015 से 2016 के बीच पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभाई। उन्होंने सुनील जाखड़ की जगह ली थी।

चन्नी रामदसिया सिख समुदाय से आते हैं। 2017 में कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट में कैबिनेट मंत्री नियुक्त किया गया। चमकौर साहिब विधानसभा से तीसरी बार विधायक हैं। वह कांग्रेस आलाकमान द्वारा घोषित पहले अनुसूचित जाति के मुख्यमंत्री हैं। इसके अलावा उन्हें गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सीपी जोशी के संपर्क में थे, जब वह चुनाव प्रभारी थे। जोशी ने ही उन्हें राहुल गांधी से मिलवाया था।

भारत में सबसे ज्यादा दलित सिख पंजाब में हैं। इनकी संख्या करीब 32 फीसदी बताई जाती है लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दलित सिख चेहरा होने के नाते उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में रहा है।

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