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वर्ष 2025 तक टी. बी. मुक्त भारत का संकल्प जनभागीदारी से सम्भव- मोदी

रायपुर। प्रधानमंत्री आज वाराणसी में ‘वन वर्ल्ड  टी. बी. सम्मेलन‘ में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर टी. बी. मुक्त भारत अभियान के तहत नई पहल कार्यक्रम की शुरूआत की गई और राज्यों और जिला स्तर के अधिकारियों को टी. बी. मुक्त भारत अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल सहित सभी राज्यों के राज्यपाल एवं स्वास्थ्य मंत्री भी वर्चुअल तरीके से जुडे़।

इस अवसर पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को भारत फलीभूत कर रहा है। भारत ने 2025 तक टी. बी. मुक्ति करने का संकल्प लिया है जो जनभागीदारी से ही सम्भव होगा। पूरे विश्व में 2030 तक टी. बी. से मुक्ती का लक्ष्य रखा गया है जबकि भारत ने इससे पांच साल पूर्व ही टी. बी. समाप्ति का प्रण लिया है।

मोदी ने कहा कि टी. बी. हारेगा और देश जीतेगा। यह प्रयास सबके समन्वय से पूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों को टी. बी. से मुक्त भारत की सौगात देंगे। भारत में 10 लाख टी. बी. मरीजों को निक्षय मित्र ने गोद लिया है और वे उनके पोषण एवं दवाइयों  का ध्यान रख रहे हैं। भारत सरकार द्वारा टी. बी. मरीजों को सीधे उनके खाते में राशि पहुंचाई जा रही हैं। टी. बी. उन्मूलन के लिए आधुनिक डाटा साइंस का भी उपयोग किया जा रहा है। टी. बी की 80 प्रतिशत दवा भारत में ही बनती है।

       इस अवसर पर स्टॉप टी. बी. संस्था की कार्यकारी निदेशक सुश्री लुसिका डीटी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडवीया सहित अनेक देशों के प्रतिनिधि एवं राज्यों के प्रतिनिधित्व उपस्थित थे।

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