मध्य प्रदेश

टैंकर में ईंधन भरते समय भोपाल के पेट्रोलियम डिपो में ब्लास्ट, 7 लोग झुलसे, 4 की हालत गंभीर …

भोपाल। बकानिया स्थित भारत पेट्रोलियम डिपो में ब्लास्ट हो गया। फिलिंग पॉइंट पर टैंकर में ईंधन भरते समय हुए विस्फोट में 7 लोग घायल हो गए। सभी को चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें 4 की हालत चिंताजनक है। हादसे की वजह अर्थिंग लूज होना बताई जा रही है। घायलों के नाम सलमान (30 वर्ष), शानू (35 वर्ष), विनोद (37 वर्ष), राजा मियां (40 वर्ष), सिराज (18 वर्ष), छोटेलाल (28 वर्ष) और अंतराम (40 वर्ष) बताए गए हैं।

पुलिस के अनुसार भोपाल के बकानिया स्थित पेट्रोलियम डिपो में शुक्रवार रात 7.47 बजे हुए ब्लास्ट में 7 लोग बुरी तरह झुलस गए। फिलिंग पॉइंट नंबर 1 पर 12 हजार लीटर के टैंकर में ईंधन भरा जा रहा था। टैंकर के एक पार्ट में अचानक तेज धमाका हुआ। धमाके के साथ ही आग की लपटें उठने लगीं। टैंकर एचपीसीएल का था। धमाका इतना तेज था कि एयर फैन भी उड़ गया।

मौके पर खड़े टैंकर के ड्राइवर और कंडक्टर झुलस गए। एक कर्मचारी भी घायल हो गया। हादसे में एक ट्रक भी क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, हादसे के बाद बीपीसीएल प्रबंधन तुरंत एक्टिव हो गया और 15 मिनट में आग पर काबू पा लिया गया। सभी सातों घायलों को चिरायु अस्पताल ले जाया गया। इनमें से 4 गंभीर घायलों को आईसीयू में शिफ्ट किया गया है।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने फिलिंग पॉइंट को सील कर दिया है। कलेक्टर अविनाश लवानिया भी घायलों को देखने के लिए अस्पताल पहुंचे। कलेक्टर का कहना है कि घटना की विस्तृत जांच की जाएगी। इसके बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा।

हादसे के बाद डिपो में सुरक्षा इंतजामों में लापरवाही भी सामने आई है। ब्लास्ट के बाद झुलसे लोगों को अस्पताल ले जाने के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं था। आनन-फानन में जब गांव से कुछ ग्रामीण वाहन लेकर पहुंचे, तब कहीं जाकर ग्रामीणों की मदद से झुलसे कर्मचारियों को चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया, अन्यथा उनमें से कुछ की मौके पर ही जान जा सकती थी। डिपो प्रबंधन की सुरक्षा संसाधनों की कमी और ऐसी लापरवाही को लेकर डिपो के नजदीकी गांवों के लोगों में आक्रोश है।

मप्र टैंकर वर्कर एसोसिएशन ने भी डिपो प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल रहमान राजा का कहना है कि डिपो में रीफलिंग का समय सुबह 7 बजे (सूर्योदय) से शाम 6 बजे (सूर्यास्त) तक रहता है। भारत पेट्रोलियम मैनेजर ओवर टाइम बढ़ाने के चक्कर में रात 10 बजे तक टैंकरों की रीफलिंग करवाते हैं। रात में विजिबिलिटी कम होती है।

टैंकर भरते समय प्रॉपर अर्थिंग का होना जरूरी होता है। शुक्रवार को भी लूज अर्थिंग के कारण ही संभवत: यह हादसा हुआ होगा। यह प्रबंधन की घोर लापरवाही है। उन्होंने जिम्मेदार अफसरों पर कड़ी कार्रवाई के साथ ही भविष्य में इस तरह की कोई दुर्घटना न हो इसके लिए व्यापक इंतजाम करने की मांग की है।

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