छत्तीसगढ़

भाजपा नेताओं ने कहा- भूपेश सरकार की मंशा कम से कम धान खरीदना पड़े

कोरबा (गेंदलाल शुक्ल) । गंगाजल की कसम खाकर सत्ता में आई कांग्रेस सरकार धान खरीदी के हर मोर्चे पर विफल नजर आ रही है। पहले 2500 में धान खरीदी का वादा करके मुकर गई। इसके बाद धान खरीदी की तिथि को 1 दिसंबर कर दिया गया। इससे कांग्रेस सरकार की मंशा साफ झलक रही है कि वह किसानों का धान कम खरीदने का प्रयास कर रही है।

उक्ताशय का आरोप जिला भाजपा के पदाधिकारियों ने कांग्रेस सरकार पर लगाया है। प्रेस क्लब तिलक भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में उपस्थित पूर्व गृहमंत्री एवं रामपुर विधायक ननकीराम कंवर , पूर्व संसदीय सचिव लखनलाल देवांगन , पूर्व महापौर जोगेश लांबा, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष मनोज शर्मा एवं उपाध्यक्ष सतविंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा कि किसानों के पंजीकृत रकबा को कम करके यह प्रयास किया जा रहा है कि कैसे भी करके किसानों के धान कम खरीदी की जा सके।

भाजपा नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार 01 नवंबर से धान खरीदी किया करती थी। जिससे किसानों को धान भंडारण में परेशानी होने के साथ उन्हें आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। 2500 रूपए क्विंटल में धान खरीदी का वादा करने वाली कांग्रेस 1850 रूपए प्रति क्विंटल पर धान की खरीदी कर रही है। अंतर की राशि कब किसानों को मिलेगी इसका सही उत्तर सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है। अन्य प्रदेश के बार्डर पर धान लाने रोक लगानी चाहिए। किंतु कांग्रेस सरकार द्वारा प्रदेश के भीतर व्यापारियों, किसानों, फुटकर व्यवसायियों एवं आम लोगों के घर छापामार कार्रवाई कर परेशान किया जा रहा है। जिसके कारण किसान धान बेचकर दैनिक उपयोग की वस्तुएं नमक, तेल, साबुन, शाक-सब्जी इत्यादि खरीदने से वंचित हो रहे है।  

भाजपा सरकार किसानों के पूरे रकबे का एक-एक धान खरीदती थी। परंतु प्रदेश सरकार द्वारा एक एकड़ में 15 क्विंटल धान खरीदने की बात कही जा रही है। वो भी दो चरणों में खरीदने हेतु विभाग द्वारा पत्र जारी किया जा रहा है। इस अभियान के तहत कलेक्टर द्वारा पटवारियों को टारगेट दिया गया था कि प्रत्येक पटवारी को 40-50 हेक्टेयर धान का रकबा कम करना है। जिससे किसान आक्रोशित है। क्या किसानों ने इसीलिए कांग्रेस को बहुमत दिया था। मुख्यमंत्री को किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेना चाहिए। किसानों से किए गए वादों को कांग्रेस सरकार को पूरा करना चाहिए।

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