बडी खबर : कोरोना काल में पैरोल पर गए पांच राज्यों के 11 बंदी लापता …
नई दिल्ली। कोराना संक्रमण के चलते डासना जिला कारागार से पैरोल पर छोड़े गए पांच राज्यों के 11 बंदी लापता हो गए हैं। ये बंदी यूपी के अलावा उत्तराखंड, दिल्ली, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के हैं। इनमें से छह बंदी दो साल तो पांच बंदी आठ महीने से लापता हैं और पुलिस इनका सुराग नहीं लगा सकी है। जेल प्रशासन ने लापता बंदियों को ट्रेस करके उन्हें जेल में दाखिल करने के लिए संबंधित प्रदेशों की पुलिस से पत्राचार किया है।
अधिकांश जेलों में निर्धारित क्षमता से अधिक बंदी कैद हैं। 1704 बंदियों की क्षमता वाले डासना जिला कारागार में भी लगभग तीन गुना अधिक बंदी निरुद्ध हैं। कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शासन द्वारा जेल का भार कम करने के लिए सात साल से कम सजा वाले बंदियों को 8 सप्ताह के पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए थे। इसी आदेश के क्रम में वर्ष 2020 से 2022 तक 123 बंदी पैरोल पर रिहा किए गए थे। इनमें महिला बंदी भी शामिल थीं।
कोरोना का प्रकोप बढ़ा तो पैरोल की अवधि भी बढ़ा दी गई। कई बार पैरोल की अवधि बढ़ने के बाद अंत में बंदियों के जेल में आने की तारीख निर्धारित कर दी गई थी। इनमें से कुछ बंदियों को नवंबर, 2020, कुछ को नवंबर 2021 तथा कुछ को फरवरी 2022 तक जेल पहुंचना था, लेकिन उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली और कर्नाटक के 11 बंदी पैरोल पर जाने के बाद लापता हो गए।
जेल अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2020 से 2022 तक पैरोल पर छोड़े गए 123 बंदियों में से कुछ ने अपराध से नाता नहीं तोड़ा। वह पैरोल अवधि में ही दोबारा अपराध करके जेल पहुंच गए। इस अवधि में एक महिला समेत सात ऐसे बंदी शामिल हैं। इन्होंने पैरेल पर रिहा होते ही मारपीट, जानलेवा हमला, बलवा तथा अन्य आपराधिक घटनाएं कर डालीं, जिसके चलते जेल प्रशासन को इन्हें मजबूरन कैद रखना पड़ा।