रायपुर

NRC, NPR और CAA के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करे भूपेश सरकार – छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन

विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से शीघ्र मुलाकात करेगा प्रतिनिधिमंडल

रायपुर। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के आलोक शुक्ला ने CAA, NRC और NPR पर व्यापक चर्चा कर इसे मोदी सरकार द्वारा लोकतंत्र और संविधान पर हमला बताया है और आरोप लगाया है कि आरएसएस संचालित सरकार अपनी विभाजनकारी नीतियों को थोपकर पूरे देश और आम जनता को साम्प्रदयिक दंगों में झोंकना चाहती है।

सीबीए ने दिल्ली में हुए दंगों को संघ और भाजपा द्वारा प्रायोजित बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की है। छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने CAA, NRC और NPR के खिलाफ प्रदेशभर में चल रहे आंदोलनों को मजबूत करने का फैसला किया है। इसके साथ ही उसने छत्तीसगढ़ विधानसभा में इसके विरोध में प्रस्ताव पारित करने की मांग की है। इस संबंध में सीबीए का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी मुलाकात करेगा।

बैठक में प्रदेश में जल-जंगल-जमीन बचाने और कारपोरेट लूट के खिलाफ चल रहे जनसंघर्षों पर भी व्यपाक चर्चा हुई। आंदोलन का मानना हैं कि वर्तमान राज्य सरकार पूर्ववर्ती सरकार के नक्शे कदम पर ही चलने की कोशिश कर रही हैं और पांचवी अनुसूची, पेसा कानून और वनाधिकार मान्यता कानून के प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा हैं।

अडानी जैसे कारपोरेट घराने प्रदेश की बहुमूल्य खनिज संपदा को हड़पना चाहते हैं। वर्तमान में मोदी सरकार द्वारा लाया गया “द मिनरल्स लॉ संशोधन ऑर्डिनेंस 2020” कारपोरेट लूट के उसी रास्ते को आगे बढ़ाएगा। ऐसे संशोधन राज्यों के अधिकारों को खत्म कर संघीय ढांचे पर हमला करते हैं।

बैठक में वरिष्ठ आदिवासी नेता अरविंद नेताम, पूर्व विधायक व आदिवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष कुंजाम, कामरेड सी आर बक्शी, माकपा राज्य सचिव संजय पराते, समाजवादी नेता आंनद मिश्रा, जिला किसान संघ के सुदेश टेकाम, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (मजदूर-किसान समिति) के रामाकांत बंजारे, छत्तीसगढ़ किसान सभा के नंदकुमार कश्यप, अधिवक्ता शालिनी गेरा, भारत जन आंदोलन के विजय भाई और जनसाय पोया सहित विभिन्न जनसंगठनों के नेता मौजूद थे।

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