मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश में लगातार बारिश के बाद जल प्रलय…, एमपी की सबसे बड़ी नदी नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर, प्रदेश के 16 हाइवे बंद …

भोपाल। मध्यप्रदेश के कई जिलों में 24 घंटे से अधिक समय से लगातार बारिश हो रही है। इससे कई शहर जलमग्न हो गए हैं। नदी-नालों के उफान पर आ जाने से कई रास्ते बंद हैं। जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। फिलहाल 16 हाइवे बंद हैं, आवागमन ठप हो चुका है। बैतूल का भोपाल और नर्मदापुरम से संपर्क कट चुका है।

प्रदेश के कई गांवों में पानी भर जाने से लोगों को कहीं हेलीकॉप्टर तो कहीं नाव या जहाज के माध्यम से लोगों को रेस्क्यू कर सुरश्रित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा। प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें निचले इलाकों में अलर्ट पर है। नर्मदापुरम में नर्मदा नदी का जलस्तर विगत 24 घंटे में 945 फीट से 964 फीट पर पहुंच गया है।

विदिशा जिले के लटेरी में इस्लाम नगर में बना डैम बारिश के चलते फूट गया। इससे कई गांवों में फसलें बर्बाद हो गई। सीहोर में करबला पुल से एक ऑटो सीवन नदी में बह गया। शिवपुरी जिले में बदरवास के ग्राम बड़ोखरा में 17.41 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन तालाब फूटने से 5 गांव की फसल तबाह हो गई। अशोकनगर में कार समेत पांच लोग बह। इनकी तलाश की जा रही है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए कहा कि, प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण 16 सड़क मार्ग बंद और प्रभावित हैं।

फिलहाल, राहत की बात ये है कि, अधिकतर इलाकों में बारिश रुक गई है। नदी-नालों में आए उफान के चलते प्रदेश के गुना-ब्यावरा, मकसूदनगढ़-भोपाल, चंदेरी-ललितपुर, श्योपुर-कोटा, श्योपुर-श्योपुर बारा, श्योपुर-सवाई बांधोपुर, भोपाल-सागर, नर्मदापुरम-हरदा, विदिशा-अशोकनगर, विदिशा-रायसेन, बरगी-पिपरिया, जीरापुर-आगर, सुठारिया-मदुसूदनगढ़, भोपाल-जबलपुर, सिवनी-नैनपुर, उज्जैन-कोटा ऐसे 16 मार्ग हैं, जो अभी बंद हैं।

उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे फिलहाल इन मार्गों पर जाने से बचें। उन्होंने बताया कि अलग अलग इलाकों में जरूरत के अनुसार पुलिस के साथ ही एसडीआरएफ और एडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। वर्तमान में नर्मदापुरम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की 2 टीमें, विदिशा में 4, जबलपुर में 1, सीहोर में 1, भोपाल में 1 और गुना 3, राजगढ़ में 2 सहित कुल 109 टीमें प्रदेश भर में लोगों के रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई हैं।

विदिशा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों के राहत बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और होम गार्ड की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। जिले के 6 स्थानों पर हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्टिंग की आवश्यकता बताई गई है। नागपुर और मुंबई से 2 हेलीकॉप्टर एयर लिफ्टिंग के लिए भेजे गए हैं। वहीं, राजगढ़ जिले में बोट के माध्यम से एनडीआरएफ और होम गार्ड की टीमों द्वारा लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है।

जलभराव में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्टिंग करने की तैयारी की जा रही है। हालांकि, बचाव दलों को अधिक परेशानी का सामना इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि, जिले में अब भी बारिश का दौर जारी है। बाढ़ में अलग-अलग फंसे लगभग 500 लोगों को बोट के माध्यम से निकालकर 8 राहत शिविरों में लाया गया है।

शाजापुर जिले के सुनेरा थानांतर्गत ग्राम बमोरी में डेम से पानी रिसाव की सूचना के बाद प्रभावित होने वाले गांवों को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। डेम को भी रिपेयर करने का काम शुरु कर दिया गया है। शुजालपुर में भी लोगों को ऊंचे स्थानों पर पहुंचाया गया है।

भारी बारिश के कारण रतलाम जिले के जावरा में नया मालीपुर जमातखाना में फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है। जिले में बीते 15 घंटों के दौरान 7 इंच बारिश हो चुकी है। बारिश का दौर अब भी जारी है। धोलावाड़ डेम का 1 गेट खोला गया है। पूरे शहर में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। साथ ही, कई इलाकों में बिजली न होने के कारण अधिकतर रहवासियों की रात अंधेरे में बीती।

देवास जिले के नेमावर में नर्मदा नदी का जलस्तर 891 फीट हो गया है। नर्मदा नदी का जलस्तर धीरे-धीरे लगातार बढ़ रहा है। फिलहाल, रेस्क्यू दलों ने 14 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। वहीं, गुना जिले में पार्वती नदी का जल स्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

चाचौड़ा तहसील के 2 गांवों, कुंभराज तहसील के 1 गांव और राधोगढ़ तहसील के 1 गांव में फंसे लोगों को एसडीआरएफ और एनडीआरएफ टीमों द्वारा रेस्क्यू किया जा रहा है। उधर, नीमच जिले में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। कुछ पुलों और रपटों के उपर से जल का बहाव जारी है, जिसके चलते कई मार्ग बंद हैं। फिलहाल, जिले में बचाव टीमें अलर्ट मोड पर हैं।

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