रायपुर । छत्तीसगढ़ में गौ-काष्ठ, बिजली के बाद अब गोबर से प्राकृतिक पेंट (रंग) बनाया जाएगा। रविवार को सीएम भूपेश बघेल की उपस्थिति में गोबर से नेचुरल पेंट बनाने की तकनीकी हस्तांतरण के लिए एमओयू हुआ। यह एमओयू छत्तीसगढ़ राज्य गो सेवा आयोग और नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के बीच हुआ। प्रथम चरण में राज्य के 75 चयनित गोठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण की यूनिट लगाई जाएगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए महिला स्व सहायता समूह की सदस्य महिलाओं एवं युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर द्वारा दिया जाएगा।
बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत गोठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से प्राकृतिक पेंट (रंग) का निर्माण किए जाने की योजना है। इसका उद्देश्य केमिकल पेंट के स्थान पर लोगों को कम कीमत में प्राकृतिक पेंट की उपलब्धता कराना है। गोठानों और महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर रोजगार उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक किसानों, ग्रामीणों सहित गोठान समितियों, महिला स्व -सहायता समूहों को 2 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन अंतरण भी किया। कार्यक्रम में मंत्री रविंद्र चौबे, गो सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास सहित अधिकारी उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में गोठानों का निर्माण कराया गया है। गोठानों में गोधन न्याय योजना के तहत दो रुपये किलो में गोबर की खरीदी सरकार द्वारा की जा रही है। गोबर से वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, खाद का निर्माण करने के साथ ही महिला समूह गोबर से दीया, अगरबत्ती भी तैयार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में गोबर से विद्युत उत्पादन के लिए तीन यूनिट लगाई गई है। छत्तीसगढ़ में अब गोबर से प्राकृतिक पेंट भी बनाया जाएगा।