महिला के गले में फंसी 4 सेमी. की सुपारी, दो महिने बाद एसएमएस हॉस्पिटल में बिना चीरा लगाए ब्रॉनकोस्कोपी से निकाली …
जयपुर । एसएमएस मेडिकल कॉलेज में ईएनटी डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. सुनील समधानी ने बताया कि बीकानेर की रहने वाली 47 साल की महिला के आज से 2 महीने पहले सुपारी का एक बड़ा टुकड़ा सांस की नली में फंस गया था। इसके बाद महिला ने बीकानेर मेडिकल कॉलेज के हॉस्पिटल में दिखाया और कुछ समय ट्रीटमेंट भी चला, लेकिन वहां डॉक्टर्स इस टुकड़े को निकाल नहीं सके और उन्हें जयपुर दिखाने के लिए कहा।
सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में एक महिला की सांस लेने वाली नली में फंसी 4 सेमी. की सुपारी को बाहर निकाला है। महिला पिछले 2 महीने से परेशान थी और राजस्थान के अलग-अलग जिलों में हॉस्पिटल में दिखा चुकी थी, लेकिन हर जगह से डॉक्टरों ने उसकी नली में फंसे सुपारी के टुकड़े को निकालने में परेशानी बताई। बड़ी बात ये है कि इस ऑपरेशन में महिला के गले या चेहरे पर चीरा नहीं लगाया गया।
जहां उसका आज ऑपरेशन करके सुपारी निकाली गई। डॉक्टर ने बताया कि इस ऑपरेशन में उनके साथ उनकी टीम के सदस्य डॉ. विकास रोहिला, डॉ. पूजा स्वामी, डॉ. कनिका शर्मा, डॉ. लोकेंद्र और एनिस्थिसिया डिपार्टमेंट से डॉ. ममता शर्मा और डॉ. समृद्धि भी साथ रही।
बीकानेर दिखाने के बाद महिला ने कुछ जगहों पर भी दिखाया, लेकिन वहां भी डॉक्टर्स ने सुपारी निकालने में असमर्थता जाहिर की। क्योंकि इस ऑपरेशन में जान जाने का रिस्क ज्यादा था। 2 महीने परेशान होने के बाद महिला की समस्या बढ़ती गई और उसकी एक सांस नली पूरी तरह जाम हो गई, जबकि वह दूसरी सांस नली से ही सांस ले रही थी। क्योंकि सुपारी दो महिने के अंदर फूल कर बड़ी हो गई थी, जिससे सांस नली पूरी तरह ब्लॉक हो गई थी। पिछले दिनों जयपुर पहुंची और दिखाया। डॉ. समधानी ने बताया कि उनकी टीम के लिए भी ये ऑपरेशन करना बहुत जटिल था, लेकिन काफी डिस्कशन के बाद आखिर में ऑपरेट करने का फैसला किया गया।
डॉक्टर समधानी ने बताया कि महिला का ऑपरेशन ब्रॉनकोस्कोपी तकनीक से किया गया। इसमें महिला के गले या चेहरे पर किसी तरह का चीरा नहीं लगाया। एंडोस्कॉपी मशीन के जरिए एक तार डालकर फंसी हुई सुपारी को निकाला गया। उन्होंने बताया कि इस ऑपरेशन में सबसे ज्यादा डर था महिला के सांसे रूकने का। क्योंकि एनिस्थिसिया देने से पहले महिला की दोनों सांस नली में से केवल एक ही सांस नली काम कर रही थी, जबकि दूसरी में सुपारी फंसी होने के कारण वह वर्क नहीं कर रही थी। करीब 45 मिनट तक ऑपरेट करने के बाद सुपारी को बाहर निकाला गया।