मध्य प्रदेश

राजनीति: दलित समाज की राहुल गांधी को महू में नहीं घुसने देने की चेतावनी के बाद सियासत गरमाई, भाजपा-कांग्रेस आए आमने-सामने

संविधान दिवस पर शनिवार को महू जाएंगे राहुल गांधी, महू एक बार फिर बना सियासत का केंद्र बिंदू

इंदौर. भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे राहुल गांधी को दलित समाज ने महू में ना घुसने देने की चेतावनी दी है. दलित समाज की इस चेतावनी के बाद महू एक बार फिर सियासत का केंद्र बिंदू बन गया है. दरअसल, कल 26 नवंबर को संविधान दिवस पर राहुल गांधी अंबेडकर की जन्म स्थली महू जाएंगे, उनके साथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी होंगे. अब इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं.

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महू एक बार फिर चर्चाओं में आ गया है. 26 नंवबर को संविधान दिवस है और उसी दिन राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बाबा साहब अंबेडकर की जन्मस्थली महू पहुंचने वाले हैं. वे वहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे. इसी को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. राहुल गांधी के महू पहुंचने से पहले दलित समाज ने विरोध शुरू कर दिया है. डॉ. अंबेडकर भक्त मंडल ने राहुल गांधी को महू में न घुसने की चेतावनी दे दी है. उन्हें बीजेपी का भी सपोर्ट मिल रहा है. मंडल के नेता शैलेष गिरजे का कहना है कांग्रेस को अंबेडकर के नाम पर राजनीति नहीं करने दी जाएगी. आजादी के 75 साल में कांग्रेस 65 साल तक सत्ता में रही, लेकिन इस दौरान उन्हें कभी बाबा साहब की याद नही आई.

कांग्रेस बोली – सारा विरोध बीजेपी प्रायोजित

वहीं, कांग्रेस राहुल गांधी के विरोध को बीजेपी का प्रायोजित कार्यक्रम बता रही है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता नीलाभ शुक्ला का कहना है भारत जोड़ो यात्रा की सफलता से बीजेपी की हवाइयां उड़ गयी हैं. इसलिए बीजेपी बाबा साहब अंबेडकर के नाम पर एससी वर्ग के लोगों को भड़काने का हथकंडा अपना रही है. जबकि, बाबा साहब अंबेडकर कांग्रेस की आत्मा में बसते थे. कांग्रेस ने उन्हें संविधान निर्माण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी. देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें कानून मंत्री बनाया था. बाबा साहब अंबेडकर को कांग्रेस से कभी अलग नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि एससी वर्ग के उत्थान के लिए कांग्रेस ने सबसे ज्यादा काम किए हैं. साथ ही पार्टी में भी उचित प्रतिनिधित्व दिया. अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले मल्लिकार्जुन खड़गे को राष्ट्रीय अध्यक्ष तक बना दिया है, लेकिन बीजेपी की भारत तोड़ो गैंग राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से आहत है. इसलिए इस तरह के हथकंडे अपना रही है.

दलित वोट बैंक की राजनीति

दरअसल, मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव है. इसलिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों का फोकस दलित वोट बैक पर है क्योंकि एमपी में 230 में से 35 सीटें एससी वर्ग के लिए आरक्षित हैं, जिसमें से बीजेपी को पिछले चुनाव में 17 सीटें ही मिल पाईं थी, जबकि 2013 के चुनाव में उसे 28 सीटों पर जीत मिली थी. आरक्षित 35 सीटों के अलावा प्रदेश में करीब 60 सीटों पर एससी वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका में होते हैं, इसलिए महू पर सियासत होना स्वाभाविक है. ऐसे में बीजेपी इस बार एससी सीटों को टारगेट कर रही है, वहीं कांग्रेस भी अपना वोट बैंक मजबूत बनाए रखने की कवायद में लग गई है. इसीलिए इस मौके पर कांग्रेस एससी वर्ग के वोटरों को पार्टी से जोड़ने के लिए अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी अंबेडकर नगर महू बुला रही है.

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