मध्य प्रदेश

आरएसएस द्वारा अंग्रेजों की मदद करने के राहुल गांधी के बयान पर भाजपा बिफरी, राहुल को मानिसक दिवालिया बताया

भाजपा ने कहा- जिन्हें इतिहास का ज्ञान न हो, वे केवल जनता को गुमराह ही करेंगे

भोपाल। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मध्य प्रदेश के खंडवा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के आरएसएस द्वारा अंग्रेजों का साथ देने को लेकर दिए बयान पर भाजपा बिफर गई है। बीजेपी नेताओं ने पलटवार करते हुए उनकी समझ पर सवाल उठाए हैं। प्रदेश भाजपा के संगठन महामंत्री हितानंद ने कहा कि जिन्हें इतिहास का ज्ञान न हो, वे केवल जनता को गुमराह ही करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा है। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं।

ज्ञात हो कि राहुल ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के तीसरे दिन टंट्या मामा की जन्मस्थली खंडवा जिले की पंधाना तहसील के बड़ोदा अहीर में आयोजित सभा में कहा था कि जनजातीय जननायक टंट्या मामा को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ाया और पूरी दुनिया जानती है कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और उसकी विचारधारा ने अंग्रेजों की मदद की। राहुल गांधी द्वारा आरएसएस को लेकर की गई इस टिप्पणी पर भाजपा नेताओं ने प्रतिक्रिया व्यक्त कर उनकी समझ पर सवाल उठाए हैं।

प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 1925 में हुई। बिरसा मुंडा का बलिदान वर्ष 1900, टंट्या मामा का 1889 और राजा शंकर शाह-रघुनाथ शाह का 1857 में हुआ। ऐसे कई जनजातीय महापुरुष रहे, जिनका बलिदान संघ की स्थापना के पहले ही हो गया था। जिन्हें इतिहास का ज्ञान न हो, वे केवल जनता को गुमराह ही करेंगे। जनता को गुमराह किया जा रहा है। वहीं, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कोई जिम्मेदार व्यक्ति ऐसा बयान नहीं दे सकता है। इसके पूर्व उन्होंने वीर सावरकर को लेकर भी इसी तरह की बात कही थी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी मानसिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं।

पार्टी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि यह एक बार फिर सिद्ध हो गया कि राहुल गांधी में न गंभीरता है और न ही इतिहास की जानकारी है। उन्‍हें भारत के गौरव महापुरुषों की कोई जानकारी भी नहीं है। जिस विकृत मानसिकता के साथ उन्होंने आरोप लगाया है, यदि किसी ने उन्हें बता-समझा दिया होता तो आज यह नौबत नहीं आती। तथ्यों से तोड़-मरोड़ करके घृणित मानसिकता के साथ में यह बात कही है, जिस तरह की उन्होंने बात कही है वह सामाजिक अपराध और राष्ट्रीय महापुरुषों के प्रति पाप है, यह घटिया राजनीति है।

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