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पुलिस इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर दुकान पर सामान की डिलीवरी लेने के लिए आया तो किराना दुकानदार ने ऐसे सिखाया सबक …

जयपुर। वह इंस्पेक्टर की वर्दी पहनकर लोगों को पुलिस और आबकारी में नौकरी लगाने के नाम पर फंसाता था। इस दौरान यदि किसी पुलिस वाले से उसका सामना भी हो जाए तो खुद को एसीबी  इंस्पेक्टर बताकर रोब झाड़ता और बचकर निकल जाता। आखिरकार पुलिस ने इस अंतरराज्यीय ठग को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली।

पुलिस उपायुक्त जयपुर शहर पश्चिम रिचा तोमर ने बताया कि परिवादी मनीष रावत ने रिपोर्ट दर्ज झोटवाड़ा पुलिस को सूचना दी थी कि उसकी किराना दुकान है और वहां तीन-चार महीने से एक व्यक्ति सामान खरीदने के लिए आ रहा है। इसी दौरान 14 अक्टूबर को वह पुलिस की वर्दी में आया और नेम प्लेट पर राहुल शेखावत लिखा हुआ था। उसने कहा कि चांदपोल पुलिस लाइन का इंचार्ज हूं उसने चांदपोल पुलिस लाइन का राशन लेने का झांसा दिया। इसके बाद वह जिला पुलिस अधीक्षक जयपुर की सील लगे 3 लैटरपेड और सामान की लिस्ट दे गया।

अपने परिचितों से जब परिवादी मनीष ने पुलिस सील के बारे में मालूम किया तो पता चला कि जयपुर में पुलिस अधीक्षक ना होकर पुलिस उपायुक्त होते हैं। इस तरह से परिवादी का शक अब मजबूत हो गया। फर्जी इंस्पेक्टर को पकड़ने के लिए झोटवाड़ा थानाधिकारी घनश्याम सिंह के नेतृत्व में टीम बनाकर जाल बिछाया और जैसे ही फर्जी इंस्पेक्टर परिवादी की दुकान पर सामान की डिलीवरी लेने के लिए आया तो पुलिस ने उसे दबोच लिया। पकड़े जाने पर वह रौब झाड़ते हुए बोला, मैं एसीबी इंस्पेक्टर राहुल शेखावत हूं, आप मुझे जानते नहीं है, मैं तुम्हारा बुरा करवा दूंगा।

आरोपी से कालूराम उर्फ राहुल शेखावत पुत्र कस्तूरी लाल पुलिस थाना रायला श्रीगंगानगर का रहने वाला है। पूछताछ में सामने आया कि पहले भी वह 20-21 मामलों में गिरफ्तार हो चुका है और बहुत ही शातिर अपराधी है। उसके पास से तीन मोबाइल और दो लग्जरी कारें बरामद की गई हैं। आरोपी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की 14 सील मोहर बना रखी है, जिनको भर्ती के नाम पर फर्जी कागजात बनाने में काम में लेता है और लोगों से ठगी करता है। आरोपी के खिलाफ पंजाब, हरियाणा सहित राजस्थान के कई जिलों में मामले दर्ज हैं।

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