जेसीसी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश और स्वास्थ्यमंत्री सिंहदेव को कोरोना संक्रमण की रोकथाम करने की दी सलाह
मरवाही (अनुपम शुक्ला)। जेसीसी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ में कोरोना के कम प्रकरण मिलने के कारणों का विश्लेषण करते हुए भविष्य में इसके संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक तैयारी करने के लिए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को सलाह दिया है।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में कोरोना के कम संक्रमण का पहला कारण बताते हुए कहा है कि ढाई करोड़ जनता में से केवल साढ़े तीन हजार लोगों की ही टेस्टिंग हुई है। जिसके कारण कोरोना प्रकरण कम मात्रा में हैं।
दूसरा कारण उन्होंने मौसम को बताया है। उन्होंने कहा कि इस समय छत्तीसगढ़ में गर्मी है और अधिक तापमान वायरस के संक्रमण को रोकता है या नहीं किन्तु उसकी गति जरूर कुछ कम कर देता है।
तीसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि विदेशों से तुलात्मक रूप से अन्य प्रदेश की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में कम लोग आते हैं। उन्होंने आगे चौथा कारण बताते हुए कहा कि यहां कोरोना के कम संक्रमण का एक कारण यह भी है कि छत्तीसगढ़ की जनता कम घनत्व वाले क्षेत्र यानि ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और शहरों कि अपेक्षा गांव में वायरस फैलने की संभावना कम होती है।
उन्होंने बताया कि इन्ही कारणों से हम यह निष्कर्ष नहीं निकल सकते हैं कि हमारा छत्तीसगढ़ कोरोना से अभी बचा हुआ है।
अमित जोगी ने कहा कि फिर भी सरकार को अपनी पूरी तैयारी किए रहनी चाहिए। अभी केवल टेस्टिंग की कमी के कारण प्रकरणों में कमी दिख रही है। यदि यहां कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ी तो उसके लिए सरकार को पर्याप्त व्यवस्था करके रखनी चाहिए। अभी की स्थिति को पर्याप्त न मानते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य की सम्भावनाओं के लिए हमें इस वायरस से लड़ने के लिए पूरी तयारी करके रखनी चाहिए।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में हैड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवाई की पर्याप्त भंडारण रखने को कहा है। उनकी जानकारी में छत्तीसगढ़ में अभी मात्र 4672 गोलियों का ही स्टॉक है। जो बेहद कम है और यही हाल कोरोना के इलाज में प्रयुक्त होने वाले अन्य 6 गोलियों का भी है। इन गोलियों के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से नए टेंडर भी नही दिए गए हैं जो कि चिंता का विषय है। छत्तीसगढ़ में वेंटिलेटर, गहन चिकित्सा बिस्तर, सामान्य चिकित्सा बिस्तरों की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया।
संभावना जताई है कि ठंड के दिनों में जब इस वायरस के उग्र होने की संभावना अधिक रहेगी तब हमें 3T यानी टेस्टिंग, ट्रेजिंग और ट्रियाज में ही जोर देने को कहा है। फिजिकल डिस्टेंस को केवल संक्रमण की दर को कम करने का उपाय मात्र कहा है।