नई दिल्ली

1085 करोड़ रुपए का मामला, तीन बिल्डर के फ्लैट और दफ्तर प्राधिकरण ने किए सील….

नोएडा.  नोएडा प्राधिकरण ने बकाएदार बिल्डरों पर कार्रवाई तेज कर दी है. ग्रुप हाउसिंग, नियोजन और वर्क सर्किल विभाग की संयुक्त टीम ने गुरुवार को शहर के तीन बड़े बकाएदार बिल्डर के 113 फ्लैट और मार्केटिंग दफ्तर को सील कर दिया. तीनों पर प्राधिकरण का 1085 करोड़ रुपये बकाया है.

ग्रुप हाउसिंग के ओएसडी प्रसून्न द्विवेदी ने बताया कि सेक्टर-46 गार्डेनिया ऐम्स डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का टॉवर डी-2 सील किया गया है. इसमें 110 फ्लैट बिल्डर के हैं. इसके अलावा प्रोजेक्ट ऑफिस पर भी प्राधिकरण ने ताला जड़ दिया हैं. यह प्रोजेक्ट बिल्डर को तीन सितंबर 2009 को आवंटित किया गया था. इसमें 20 टॉवर स्वीकृत हैं. इनमें सात टॉवरों का अधिभोग प्रमाणपत्र जारी किए जाने के बाद अंतिम अधिभोग निरस्त किया गया. 31 मार्च 2023 तक बिल्डर पर प्राधिकरण का 603.15 करोड़ बकाया है, जिसे बिल्डर ने नहीं चुकाया है.

सेक्टर-137 लाजिक्स इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के दो फ्लैट, दो स्टोर स्थल और मार्केटिंग ऑफिस सील किया गया है. यह प्रोजेक्ट 14 जनवरी 2010 को आवंटित किया गया था. इसमें 17 टॉवर स्वीकृत है. इनमें से 10 टॉवर का अधिभोग प्रमाण पत्र जारी किया गया. इसपर प्राधिकरण का 379.65 करोड़ बकाया है, जबकि सेक्टर-75 गार्डेनिया गेटवे इंडिया लिमिटेड का एक फ्लैट सील किया है. प्रोजेक्ट 12 जनवरी 2012 को आवंटित किया गया था. इसमें नौ टॉवर स्वीकृत हैं, जिनमें से किसी भी टॉवर का अधिभोग प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया. इसपर प्राधिकरण का 103.38 करोड़ रुपये बकाया है.

अधिकारियों के मुताबिक बिल्डर द्वारा बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के त्वरित निष्पादन कराने के लिए प्रति फ्लैट रि-शेड्यूलमेंट की योजनाओं में भी आवेदन नहीं किया गया. इसके साथ नोटिस जारी होने के बावजूद बकाया जमा नहीं किया. अफसर अन्य बकाएदारों की सूची तैयार कर रहे हैं.

प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त बिल्डर्स ने प्राधिकरण द्वारा बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के तुरंत निष्पादन कराने के लिए लाई गई प्रति फ्लैट Reschedulement की योजनाओं में भी आवेदन नहीं किया गया है. इनके साथ ही बिल्डरों पर बकाया धनराशि की वसूली के लिए जारी नोटिस के बाद भी किसी भी धनराशि का भुगतान प्राधिकरण को नहीं किया था.

प्राधिकरण ने बिल्डरों को चेतावनी दी है कि बायर्स की लंबित रजिस्ट्री के तुरंत निष्पादन और प्राधिकरण के बकायों की वसूली के लिए भविष्य में कार्रवाई बिल्डर परियोजनाओं के विरुद्ध की जाएगी.

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