नई दिल्ली

पंडित नूपुर शर्मा के बयान से फैली हिंसा, धमकी मिलने पर अज्ञात लोगों पर दिल्ली पुलिस ने दर्ज की FIR …

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की करीबी रहीं भाजपा की निलंबित प्रवक्ता पंडित नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी के बाद कानपुर में हिंसा फैली और लोगों की जानें चलीं गईं। इस बयान के लिए मिल रही धमकियों के लिए पंडित नूपुर की शिकायतों पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर अज्ञात लोगों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने यह एफआईआर दर्ज की है। पंडित नूपुर शर्मा ने शिकायत दी थी कि उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि आईपीसी की धाराओं 153 ए, 506,, 507 और 509 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर के आधार पर हमने मामले की जांच शुरू कर दी है।

भाजपा ने पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए कथित विवादित बयानों के लिए रविवार को अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता पंडित नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित, जबकि दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी ने दोनों नेताओं के खिलाफ यह कार्रवाई ऐसे समय में की है जब उनके बयानों को लेकर विवाद हो गया था और मुस्लिम समुदाय के साथ कुछ मुस्लिम देशों ने इसका भारी विरोध किया था। दोनों नेताओं के खिलाफ की गई कार्रवाई को विवाद को समाप्त करने की भाजपा की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

मुस्लिम संगठनों के प्रदर्शनों और कुवैत, कतर और ईरान जैसे देशों की तीखी प्रतिक्रिया के बीच, भाजपा ने एक बयान जारी कर कहा कि वह सभी धर्मों का सम्मान करती है और किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है।

लगभग 10 दिन पहले एक टीवी डिबेट में पंडित नूपुर शर्मा की टिप्पणियों और जिंदल के अब हटाए गए ट्वीट्स ने कुछ देशों में भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान करते हुए एक ट्विटर ट्रेंड को जन्म दिया था।

पार्टी की ओर से की गई कार्रवाई के बाद पंडित नूपुर शर्मा ने बिना शर्त टीवी बहस में दिए गए अपने विवादास्पद बयान को वापस ले लिया और दावा किया कि उनकी टिप्पणी “हमारे महादेव के प्रति निरंतर निरादर और अपमान” की प्रतिक्रिया थी।

भाजपा की अनुशासन समिति की ओर से नूपुर को भेजे गए एक पत्र में कहा गया है कि उन्होंने विभिन्न मामलों पर पार्टी की विचारधारा के विपरीत विचार व्यक्त किए हैं, जो स्पष्ट रूप से इसके संविधान का उल्लंघन है। इसमें कहा गया है कि आगे की जांच के लिए आपको तत्काल प्रभाव से पार्टी से और आपकी जिम्मेदारियों, असाइनमेंट से निलंबित कर दिया जाता है। 

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