लेखक की कलम से
मौसम मोहब्बत का…
जीवन के मौसम में एक मौसम मोहब्बत का,
आज फिर दूंढ्ते हैं वो पल जो राज है खुशिओं का।
उनकी बाहों में खुशबू उनके प्यार की,
हमारे दिल को सुकून उनकी चाहत का।
सुबह भी ताजगी से भरी हुई होती थी,
हर शाम को होता था नशा मिलने का।
बड़ी बेसब्री से नयन देखते थे राहें उनकी,
हवा में खुशबू संदेश देती थी उनके आने का।
हर मौसम बहुत ही खुशनुमा सा लगता था,
चेहरे पे हमारे नूर था उनके इश्क़ का।
मोहब्बत का मौसम बड़ा हसीन जिन्दगी का,
जिसके जीवन में आये करिश्मा कुदरत का।
झरना माथुर, देहरादून, उत्तराखंड