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इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध ने एक बार फिर दुनिया को नई चिंता में डाला

तेलअवीव

इजरायल और ईरान के बीच संभावित युद्ध ने एक बार फिर दुनिया को नई चिंता में डाल दिया है। ईरान ने 1 अप्रैल को सीरिया में अपने सैन्य अधिकारियों की मौत का बदला लेने के लिए शनिवार रात और रविवार तड़के तक इजरायल पर 300 से अधिक ड्रोन और बैलेस्टिक मिसाइलें दागी। हालांकि इजरायल ने अमेरिका, ब्रिटेन और अपने वायु रक्षा प्रणाली आयरन डोम की मदद से 99 फीसदी मिसाइलों को हवा में ही उड़ा दिया। सिर्फ 7 मिसाइलें ही धरती पर गिरी। इजरायल को ईरान के हमले से बचाने में मुस्लिम देश जॉर्डन की भी अहम भूमिका रही। इस देश की एयरफोर्स ने इजरायल की मदद करते हुए ईरान को तगड़ी चोट दी है। इससे ईरान बौखला गया है। उसने विनाशकारी अंजाम भुगतने की धमकी दी है।

ईरान के ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस के जवाब में इजरायल ने ऑपरेशन बदला शुरू करने की तैयारी कर ली है। इजरायल की पुरानी आदत रही है कि वह अपने देश पर हुए किसी भी हमले का कठोर रूप से जवाब देता रहा है। हाल ही में हमास के आतंकी हमले के जवाब में इजरायल की कार्रवाई दुनिया के सामने है। हमास के पिछले साल 7 अक्टूबर को हमले के जवाब में इजरायली सेना गाजा पट्टी को श्मशान घाट बना चुकी है। गाजा पट्टी में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या 33 हजार पार कर गई है। अब ईरान पर इजरायल के कहर का खतरा मंडरा रहा है।

हालांकि अभी इजरायल ने यह स्पष्ट नहीं किया कि हमला कब और कहां किया जाएगा। लेकिन, इजरायल ने रविवार को वॉर मीटिंग बुलाकर यह संकेत जरूर दे दिए कि वह इस हमले को हल्के में नहीं लेने वाला है। इजरायल ने कहा कि अमेरिका और अन्य पश्चिम देशों की मदद से उसने ईरान के हमले को नाकाम कर दिया है लेकिन, अभी जंग खत्म नहीं हुई है। उचित समय पर जवाब दिया जाएगा। इजरायल की धमकी पर अमेरिका ने चिंता जताई है।

अमेरिका ने दो टूक शब्दों में कहा है कि वह ईरान पर हुए जवाबी हमले में उसका साथ नहीं देगा। जी-7 देशों ने भी इजरायल के जवाबी हमले की धमकी पर चिंता जताई है। कहा है कि इससे पश्चिम एशिया पर बड़े युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। इससे न सिर्फ जान-माल बल्कि व्यापार और अन्य क्षेत्रों में भी दुनिया को नुकसान उठाना पड़ेगा।

मुस्लिम देश ने इजरायल को बचाया
ईरान के साथ संभावित महायुद्ध के बीच मुस्लिम देश जॉर्डन इजरायल के साथ खड़ा हुआ है। जॉर्डन ने रविवार को ईरानी हमले के जवाब में अपने फाइटर जेट उतारे। जॉर्डन ने इजरायल की मदद करते हुए कई ईरानी ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही उड़ाया। इजरायल ने जॉर्डन की इस मदद का आभार व्यक्त किया है। उसने कहा कि हमास के साथ जंग के बीच ईरान की हरकत उकसाने वाली है। अमेरिका और ब्रिटेन समेत अन्य देशों ने जिस बहादुरी से इजरायल की मदद की वो सराहनीय है।

उधर, जॉर्डन सेना के प्रवक्ता कर्नल महमूद अल-सऊद ने ईरान के हमले को गलत करार दिया और कहा कि हमारी वायु सेना ने जिस बहादुरी से ईरान के हमले को नाकाम किया वह सराहनीय है। जॉर्डन ने स्पष्ट किया कि ईरान के हमलों के खिलाफ इस ऑपरेशन साबित कर दिया कि खतरों को जवाब देने में जॉर्डन किसी से पीछे या कम नहीं है।

उधऱ, अमेरिका, ब्रिटेन और जॉर्डन समेत कई देशों के इजरायल को दी गई मदद से ईरान बौखलाया हुआ है। उसने 300 से अधिक मिसाइलें दागी थी, जिनमें से सिर्फ सात ही धरती पर गिरीं। ईरान ने इजरायल की मदद करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि इसके विनाशकारी परिणाम सामने आ सकते हैं। बता दें कि सैन्य बल के मामले में ईरान इजरायल से कहीं आगे है। सैन्य क्षमता, रक्षा बजट, टैंक, मिसाइलों में ईरान काफी आगे है। सिर्फ परमाणु बमों के मामले में इजरायल ईरान पर भारी है। ईरान के पास कोई परमाणु हथियार नहीं है लेकिन, हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी कि ईरान के पास यूरेनियम का खजाना है। जिससे वह परमाणु बम बना रहा है और अपने हथियारों को अपग्रेड कर रहा है।
 

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