लेखक की कलम से
आजादी के दीवानें राजगुरु, सुखदेव और भगत सिंह …
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह
आजादी के दीवाने थे,
हँसते हँसते गए फँदे पर
वे बलिदानी मसताने थे।
इंकलाब का नारा देकर
वो नयी चेतना लाये थे
देश प्रेम की ज्योत जलाकर
सरदार वही कहलाये थे।
नाम शिवराम हरि राजगुरू
वेदों और ग्रन्थों के ज्ञाता,
छापामार युद्ध शैली से
था उनका नजदीकी नाता।
सुखदेव थापर भगत सिँह ने
संग संग दीक्षा पायी थी,
लाजपत की हत्या के बदले
साण्डर्स की बलि चढ़ायी थी।
साहस का पर्याय थे तीनों
भारत माँ न भूल पाएगी
ऐसे शहीदों की कुर्बानी
युग युग तक गायी जाएगी।
©डॉ. रीता सिंह, आया नगर, नई दिल्ली, अस्सिटेंड प्रोफेसर चंदौसी यूपी