लेखक की कलम से
काम तू ऐसा कर ले…
काम तू ऐसा कर ले,
सांस जब तक चली है,
तू बेगाना नहीं’
इस दुनिया में,
न तू कम आंक किसी से ||
कई बिलखते भूखे जो सोये,
हाथ पसारे चौखट पर खड़े हैं,
सजदा तू कर ले,
बन्दगी उस खुदा की ||
तेरी उम्मीद ही काफी,
नेक इरादा अटल है,
पथ ऐसा तू चुन,
कामयाबी बुलाते खड़ा है ||
तेरे दामन है दूधिया,
न तू ज काजल की कोठरी में,
कदम तू रख उस दहलीज पर,
भीम कहता इबादत खुदा की ||
©योगेश ध्रुव ‘भीम’