मध्य प्रदेश

किसानों की गेहूं खरीदी बंद, सोसायटी और बिजली की वसूली जारी : कांग्रेस

धायक कुणाल चौधरी और मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, भाजपा सरकार के 215 महीने-बनाम-225 घोटाले की जारी की लिस्ट

भोपाल। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी और मप्र कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेन्द्र गुप्ता ने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रदेश सरकार पर अनेक आरोप लगाए और भाजपा सरकार के 215 महीने-बनाम-225 घोटाले की लिस्ट भी जारी की। विधायक चौधरी ने कहा कि मध्य प्रदेश की जनता 18 साल के कुशासन में ना केवल अनाचार, अराजकता, व्यभिचार और भ्रष्टाचार की शिकार हुई है, बल्कि भ्रष्टाचार के चलते निरंतर कर्जे के बोझ में दबती जा रही है। एक तरफ प्रति व्यक्ति आय बढऩे के आंकड़े खेतों में पैदा हो रहे हैं, दूसरी तरफ गरीबों की संख्या बढ़ती जा रही है। प्रति व्यक्ति कर्जा भी बढ़ता जा रहा है।

चौधरी ने आरोप लगाया कि बलात्कार में, कुपोषण में, आदिवासी उत्पीडऩ में, गरीबों पर अन्याय में, विद्यार्थियों के साथ छल में, शिक्षा के पतन में, बेरोजगारी में, महंगाई में, जमाखोरी में, महिलाओं पर अत्याचार में, जहरीली शराब में मप्र लगातार तरक्की कर रहा है। लेकिन भाजपा सरकार द्वारा इवेंटबाजी करके प्रदेश को झूठी तरक्की का गीत सुनाया जाता है। जबकि वास्तविकता यह है कि हम 18 साल में नीचे ही गिरते जा रहे हैं। प्रदेश में प्रतिदिन चपरासी से बाबू स्तर के कर्मचारियों के यहां छापे डलते हैं और करोड़ों रुपया बरामद होता है। सरकारी कर्मचारी, अफसर धड़ल्ले से हितग्राहियों का पैसा लूट रहे हैं। कर्मचारी, कर्मचारियों के पेंशन जीपीएफ, डीडीएफ का पैसा निजी खातों में लूट रहे हैं। अभी अफसरों का तो नंबर ही नहीं आया। नौकरी में रहते कर्मचारी कारखाने चला रहे हैं। टीआई स्तर के पुलिस अधिकारियों को 100-100 करोड़ का आसामी माना जा रहा है। पुलिस पर ही बालात्कार के सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं।

गेहूं नहीं खरीद पा रही सरकार

विधायक कुणाल चौधरी ने बताया कि एफएक्यू के नाम पर उपार्जन बंद कर किसानों के साथ ज्यादती की जा रही है। मिट्टी खरीदने वाली सरकार गेहूं नहीं खरीद पा रही है। जिन किसानों को नेनो यूरिया की आवश्यकता नहीं है, उन्हें भी जबरदस्ती यूरिया के साथ टिकाया जा रहा है। निजी कंपनियों से सांठगांठ के कारण किसान को मजबूरी में खरीदना पड़ रहा है। यह मध्यप्रदेश में घोटालों की निरंतरता है।

215 महीने में हुए 220 घोटाले

कांग्रेस नेताद्वय ने घोटालों की लिस्ट जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में 215 महीने से कार्यरत भाजपा सरकार ने 220 घोटाले कर डालें हैं, जिन घोटालों को पूरे देश में जाना जाता है। प्रतिमाह एक घोटाला प्रदेश की पहचान बना दी गई है। फिर भी यह सरकार जश्न मना कर 3 साल-बेमिसाल कर रही है। कोविड काल की आपदा को जनता की लूट का अवसर बनाया गया। अस्पताल में बिस्तर पाने के लिए भी मरीजों को कई गुना कीमत चुकानी पड़ी और बदले में मिली उन्हें मौत। सैकड़ों फर्जी नर्सिंग होम रातों-रात पैदा हुये, जहां न डॉक्टर थे न इलाज की व्यवस्था, मगर सरकार से अनुबंध जरूर था। बाद में खुद सरकार ने कहा कि इन अस्पतालों में कुछ नहीं था, एक चिकित्सक 20-20 अस्पतालों में दिखाया गया था। भ्रष्टाचार और मिलीभगत का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है? मप्र में कोरोना की दूसरी लहर में 5 महीने में ही सामान्य से 54 प्रतिशत अधिक लगभग 3 लाख लोगों की मृत्यु हुई, क्या यह सामान्य घटना है? जन स्वास्थ्य देने में आपदाओं से लडऩे में सरकार पूरी तरह असफल रही।

आयुष्मान योजना में लूट

भूपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि गरीबों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से फ्री स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाली सरकार ने खुद ही सैकड़ों अस्पतालों को आयुष्मान घोटाले में पकड़ा है। फर्जी मरीजों के नाम पर करोड़ों रुपया भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। इसके अलावा प्रदेश में सिंहस्थ महाघोटाला, नर्सिंग कॉलेज, सीट, फर्जी मान्यता घोटाला, पन्ना में बांध घोटाला, कारम डेम घोटाला, ई टेंडर घोटाला, व्यापमं घोटाला, पेपर लीक घोटाला, शराब में रिजर्व प्राइस जमा न करने का घोटाला, रेत घोटाला, पीडब्ल्यूडी का काम के लिए दुबारा नगर निगम को भुगतान घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, एनपीएस घोटाला, पीडीएस घोटाला, डीमेट घोटाला, एनएचआरएम घोटाला, सीहोर में पट्टे की 328 एकड़ जमीन खरीदी घोटाला सहित 225 घोटालों की लिस्ट जारी की है।

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