मध्य प्रदेश

एमपी में यूरिया पर मचा बवाल, सीएम ने दोषियों के विरूद्ध तत्काल एफआईआर कर गिरफ्तार करने के दिए निर्देश ….

भोपाल। मध्य प्रदेश में यूरिया गायब हो गया है. इसके गायब होने से बवाल मचा हुआ है. इस बवाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और अफसरों को सख्त लहजे में निर्देश दिए। उन्होंने गड़बड़ी करने वालों पर एफआईआर कर गिरफ्तार करने के निर्देश दिए और कहा कि किसानों को खाद से वंचित करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. जिस समय खाद की जरूरत है उस समय ऐसा होना एक गंभीर अपराध है. मुख्यमंत्री चौहान ने अफसरों को पूरे प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की दिक्कत नहीं आने के लिए सख्त कदम उठाने के भी निर्देश दिए.

उल्लेखनीय है कि अगस्त के आखिरी में करीब 1000 टन यूरिया सिवनी मंडला डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों में जाना था, लेकिन 890 टन यूरिया बीच में ही गायब हो गया. मुख्यमंत्री ने यूरिया गायब होने के इस मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए शुक्रवार सुबह 7 बजे सीएम हाउस में अफसरों की आपात बैठक बुलाई। इसमें कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी, प्रमुख सचिव कृषि, प्रमुख सचिव सहकारिता, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री और एमडी मार्कफेड को बुलाया गया। इसके अलावा जबलपुर संभाग के कमिश्नर बी. चन्द्रशेखर, आईजी, कलेक्टर, एसपी  और मार्कफेड के अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए। बैठक में मुख्यमंत्री ने जबलपुर संभाग में यूरिया वितरण में मिली शिकायतों पर अफसरों से फीडबैक लिया तथा प्रभावित जिलों में यूरिया आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है। किसान तक खाद की आपूर्ति पर कड़ी नजर रखी जाए।

अफसरों के फूले हाथ-पैर

मुख्यमंत्री ने जैसे ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जबलपुर के अफसरों की तरफ देखते हुए पूछा कि यूरिया वितरण में हुई गड़बड़ी के मामले पर कौन जवाब देगा, तो उनकी सांसें फूल गईं. जबलपुर कमिश्नर बी. चन्द्रशेखर ने यूरिया वितरण को लेकर हुई गड़बड़ी पर पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने रखी. जबलपुर कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को बताया कि यूरिया खाद के आवंटन की जिम्मेदारी कृभको के पास थी. यूरिया निजी परिवहन के जरिये जिलों में भेजा जाता है. लेकिन, समितियों के पास पहुंचने की बजाय यूरिया निजी स्थानों पर सप्लाई हो गया. परिवहन कंपनी ने निर्धारित स्थानों पर आपूर्ति कम की और कुछ स्थानों पर तो बिल्कुल नहीं की. जबलपुर कमिश्नर ने बताया कि खाद डाइवर्ट करने पर फर्टिलाइजर मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डर का वायलेशन हुआ है और 3a, 3b, 3c की धाराओं के तहत आज कार्रवाई की जाएगी.

कंपनियां रखें पैनी नजर- सीएम

मुख्यमंत्री ने जबलपुर पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि खाद वितरण में लगी कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा. दोषियों के खिलाफ एक्शन लेना होगा और इसकी जानकारी सीएमओ को देनी होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है. किसान तक खाद की आपूर्ति पर अफसरों को अब नजर रखना होगी. किसान को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी.

1000 में से गायब हुआ 890 टन यूरिया

दरअसल अगस्त के आखिरी में करीब 1000 टन यूरिया सिवनी, मंडला, डिंडोरी और दमोह की सहकारी समितियों में जाना था, लेकिन 890 टन यूरिया बीच में ही गायब हो गया. इसकी कीमत करीब 3 करोड़ रुपये बताई गई है. इस खबर के बाहर आने के बाद हड़कंप मच गया था.

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