लखनऊ/उत्तरप्रदेश

UP के मुख्य सचिव ने तीसरे सेवा विस्तार के साथ रचा इतिहास, दिसंबर 2022 में भी मिला था सर्विस एक्सटेंशन

लखनऊ

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को छह महीने का सेवा विस्‍तार दिया गया है। इसके चलते उन्होंने यूपी के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य सचिव के रूप में एक नया रिकॉर्ड बनाया। वह देश के पहले आईएएस अधिकारी होने का इतिहास बना चुके हैं, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद मुख्य सचिव (सीएस) के रूप में पहले ही तीन सेवा विस्तार मिल चुका है। केंद्र की मंजूरी के बाद, यूपी सरकार ने रविवार को मिश्रा को राज्य के मुख्य सचिव के रूप में छह महीने का विस्तार देने के आदेश जारी किए, जिस पद पर वह 31 दिसंबर, 2021 से काम कर रहे थे। उन्हें 31 दिसंबर, 2022 को एक साल का विस्तार दिया गया था।

अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने कहा, ''हमने वर्तमान मुख्य सचिव के कार्यकाल को छह महीने यानी 30 जून 2024 तक बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं।' अगर मिश्रा को एक और विस्तार नहीं मिलता है, तो उनका कार्यकाल ढाई साल का होगा, जब वह छह महीने बाद पद छोड़ देंगे, जिसकी संभावना से इस समय कोई भी इनकार नहीं कर सकता। लेकिन 30 महीने का कार्यकाल भी, जो उन्हें पहले से ही प्राप्त है, हाल के दशकों में अतुल कुमार गुप्ता को छोड़कर शायद किसी भी अन्य आईएएस अधिकारी का सबसे लंबा कार्यकाल होगा।

एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, 'मुझे हाल के दिनों में किसी अन्य आईएएस अधिकारी का मुख्य सचिव के रूप में इतना लंबा कार्यकाल याद नहीं है। उनके पूर्ववर्ती आर.के. तिवारी का भी मुख्य सचिव के रूप में लंबा कार्यकाल था लेकिन उनका कार्यकाल डी.एस. मिश्रा से कम था।' 1985 बैच के आईएएस अधिकारी (अब सेवानिवृत्त) तिवारी को 30 अगस्त, 2019 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था और 30 दिसंबर, 2021 को डी.एस. मिश्रा ने सीएस के रूप में 28 महीने का कार्यकाल पूरा करते हुए उनकी जगह ली थी। इससे पहले, अनूप चंद्र पांडे केवल 14 महीने के लिए सीएस के कार्यालय में थे, राजीव कुमार 12 महीने के लिए, दोनों योगी आदित्यनाथ सरकार में थे।

दीपक सिंघल का कार्यकाल 2 महीने से भी कम था

राहुल भटनागर, आलोक रंजन और जावेद उस्मानी सभी को अखिलेश यादव सरकार के तहत नियुक्त सीएस का कार्यकाल क्रमशः नौ महीने, 13 महीने और 26 महीने का था। 16 जुलाई 2016 को इसी शासन के तहत सीएस नियुक्त किए गए दीपक सिंघल का कार्यकाल भी दो महीने से कम था। अकेले अतुल कुमार गुप्ता, जिन्हें मायावती सरकार के तहत सीएस नियुक्त किया गया था, का कार्यकाल डी.एस. मिहरा से थोड़ा अधिक था, जो अभी भी पद पर हैं।

1974 बैच के आईएएस अधिकारी, गुप्ता ने 29 मई, 2008 और 31 मार्च, 2011 के बीच यूपी के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया, उनका कुल कार्यकाल लगभग 34 महीने का था। उनके उत्तराधिकारी अनूप कुमार मिश्रा लगभग 12 महीने ही पद पर रहे। 2000 और 2008 के बीच सीएस नियुक्त किए गए वीके मित्तल, वीके दीवान, बीएन तिवारी, पीके मिश्रा, नीरा यादव, अखंड प्रताप सिंह सहित अन्य आईएएस अधिकारियों का कार्यकाल छोटा था।

आमतौर पर छह महीने का मिलता है एक्‍सटेंशन

एक अन्य आईएएस अधिकारी ने कहा, 'डीएस मिश्रा ने पहली बार इतिहास रचा जब वह सेवानिवृत्ति के बाद एक साल के लिए मुख्‍य सचिव नियुक्त होने वाले पहले आईएएस अधिकारी बने। सेवानिवृत्ति के बाद आईएएस अधिकारियों को आम तौर पर केवल छह महीने के लिए एक्सटेंशन दिया जाता है। अब, मिश्रा हाल के वर्षों में सीएस के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल का एक नया रिकॉर्ड स्थापित करने के लिए तैयार हैं, जबकि उनका प्रत्येक विस्तार कई आईएएस अधिकारियों की सीएस बनने की उम्मीदों पर पानी फेर देता है।'

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