मध्य प्रदेश

सीएम युवा अन्नदूत योजना में होगा शासकीय उचित मूल्य दुकान पर वितरण, स्थानीय 888 युवाओं को वाहन के लिए 11.10 करोड़ का अनुदान …

भोपाल। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने बताया कि खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता और बिचौलिए-ठेकेदारों पर अंकुश लगाने के लिए “मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना” को मंत्रि-परिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इस योजना में स्थानीय युवाओं को केन्द्र से पीडीएस शॉप तक परिवहन के लिए शासन द्वारा बैंक ऋण उपलब्ध करा कर वाहन उपलब्ध कराए जायेंगे। शासन द्वारा प्रति वाहन 1.25 लाख रूपए के अनुदान के मान से 888 वाहनों पर 11 करोड़ 10 लाख रूपए अनुदान के रूप में भुगतान किए जायेंगे।

खाद्य मंत्री सिंह ने बताया कि प्रदाय केन्द्रों से राशन परिवहन कर उचित मूल्य दुकान तक पहुँचाने के लिए स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए 7.5 मीट्रिक टन क्षमता के अधिकतम 25 लाख रूपए कीमत का वाहन दिलवाया जाएगा। इससे अधिक राशि का वाहन क्रय करने पर हितग्राही को शेष राशि का भुगतान करना होगा। कीमत के 10 प्रतिशत डाउन पेमेंट के लिए 1.25 लाख रूपए राज्य शासन द्वारा और 1.25 लाख रूपए हितग्राही द्वारा भुगतान किए जायेंगे।

मंत्री सिंह ने कहा कि 3 हजार क्विंटल सामग्री का प्रतिमाह 4 हजार किलोमीटर के मान से प्रति वाहन परिवहन अनुमानित है। वाहन मालिक प्रतिमाह 15 से 20 कार्य दिवस के अलावा शेष दिनों में वाहन का निजी उपयोग कर सकेंगे, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय होगी। उन्होंने बताया कि विगत रबी एवं खरीफ में 46 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न के परिवहन पर 235.98 करोड़ का भुगतान किया गया।

खाद्य मंत्री सिंह ने बताया कि वाहनों में जीपीएस सुविधा रहेगी। सेंट्रल कमाण्ड कंट्रोल-रूम से वाहनों के मूवमेंट पर वाहनों की सतत निगरानी की जाएगी। वाहनों पर माइक सिस्टम के साथ शासन की योजनाओं का प्रदर्शन भी किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि हितग्राही आयशर, इसूजु, महिन्द्रा, टाटा एवं अशोका लीलेंड कम्पनी के चिन्हित वाहनों में से अपनी पसंद का वाहन क्रय कर सकेंगे।

हितग्राही संबंधित सेक्टर की जनपद पंचायत का मूल निवासी हो, उसकी उम्र 18 से 45 वर्ष हो और आठवीं कक्षा उत्तीर्ण हो। हितग्राही की अधिकतम वार्षिक आय 12 लाख रूपए, हेवी मोटर व्हीकल संचालन का स्थाई लायसेंस, बैंक से डिफाल्टर न हो। सेवानिवृत्त सैनिक भी पात्र होंगे, परंतु शासकीय सेवक और पेंशनर पात्र नहीं होंगे। हितग्राही अन्य स्व-रोजगार योजना से लाभान्वित न हो। आपराधिक प्रवृत्ति व पृष्ठभूमि के हितग्राही इस योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे।

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