मध्य प्रदेश

हंगामेदार रहेगा मध्यप्रदेश का बजट सत्र: कांग्रेस शिवराज सरकार से 18 साल के काम का हिसाब मांगेगी

सोमवार देर शाम हुई विधायक दल की बैठक में लिया गया फैसला, कमलनाथ बोले-शिवराज ने 20 दिन में 12 हजार करोड़ की घोषणाएं की

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस पार्टी प्रदेश की शिवराज सरकार से भाजपा के 18 साल के शासन में किए गए कार्यों का हिसाब मांगेगी। भाजपा द्वारा की गई झूठी घोषणाओं और उनकी जमीनी हकीकत तथा विभिन्न कामों में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर सदन में बीजेपी को घेरा जाएगा। यह निर्णय पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के आवास पर सोमवार देर शाम हुई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में कांग्रेस ने सत्तापक्ष को घेरने की रणनीति बनाई है।

बैठक के बाद पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट और विधायक विनय सक्सेना ने बताया कि बैठक में फैसला किया गया है कि शिवराज सरकार के इस अंतिम बजट सत्र में उनके कार्यकाल का हिसाब लिया जाएगा। शिवराज सरकार ने कमलनाथ सरकार के दौरान शुरू की गई कई जन कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी हैं। आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और बेरोजगारों के लिए कमलनाथ सरकार में जो काम शुरू किए गए थे, उन्हें भी शिवराज सरकार ने या तो रोक दिया या फिर बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि इस बार प्रदेश सरकार विधायकों को टैबलेट में बजट उपलब्ध करा रही है, लेकिन हमारा सवाल है कि शिवराज सरकार के पास ऐसी कौन सी टैबलेट है, जिससे वे जनता को राहत पहुंचाएंगे।

बैठक में पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार में मध्यप्रदेश बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न, आदिवासी अत्याचार और कर्ज लेने में नंबर वन बनता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान लगातार झूठी घोषणाएं कर रहे हैं। वे यह नहीं बताते कि इन घोषणाओं पर अमल क्यों नहीं कर रहे। कमलनाथ ने कहा कि पिछले 20 दिन में शिवराज सिंह ने 12 हजार करोड़ की योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन इन्हें अमल में लाने के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। इसी अवधि में सरकार ने 10 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज ले लिया है। विकास यात्रा के इवेंट पर करोड़ों रुपए बरबाद कर दिए गए।

बैठक को इन्होंने भी किया संबोधित

कांग्रेस विधायक दलल की बैठक को नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, तरुण भनोट, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, संजय यादव सहित कई विधायकों ने भी संबोधित किया। बैठक में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी व कांतिलाल भूरिया सहित कांग्रेस के सभी विधायक मौजूद थे।

बयानबाजी पर राष्ट्रीय नेतृत्व सख्त, विधायकों से सतर्क रहने को कहा

तरुण भनोट और विनय सक्सेना ने बताया कि बैठक में विधायकों को स्पष्ट कर दिया गया है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में अक्सर होने वाली बयानबाजी को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व ने कड़ी नाराजगी दिखाई है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीते दिनों हुई बयानबाजी को कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गंभीरता से लिया है। वहीं, छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में बेवजह विरोधाभाषी बयानबाजी करने वाले नेताओं को भी सख्त हिदायत दी गई। विधायक दल की बैठक में शामिल होने पहुंचे पूर्व मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जो लोग बयानबाजी करते हैं, इस पर रोक लगाई जाएगी। इससे पार्टी डैमेज होती है। यह आलोचना का नहीं, चिंतन का समय है। कर्म को करके दिखाने का समय है। उन्होंने कहा कि चाहे कितने भी बड़े कद का नेता हो, अनावश्यक बयानबाजी ना करें। खुद ही पार्टी को कटघरे में खड़ा न करें।

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