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शिनजियांग का दमन करने के लिए चीन ने नए सैन्य प्रमुख की नियुक्ति की, तिब्बत में कर चुके काम …

बीजिंग । चीन ने शिनजियांग प्रदेश में नया सैन्य कमांडर नियुक्त किया है। शिनजियांग का बॉर्डर भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से लगता है। मुस्लिम बहुल यह प्रदेश पिछले कई सालों से अशांत रहा है। चीन ने यहां लाखों मुस्लिमों को आतंकवाद और कट्टरपंथ का आरोप लगा लॉक किया हुआ है।

लेफ्टिनेंट जनरल वांग हैजियांग ऐसे वक्त में शिनजियांग के कमांडर बनाए गए हैं जब अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना के वापसी के बाद वहां के हालात अस्थिर हैं। यह चीन के लिए चिंता का विषय है क्योंकि चीन को डर है कि अफगानिस्तान का असर शिनजियांग पर भी पड़ सकता है और उग्रवाद फैल सकता है।

वांग 1980 के दशक की शुरुआत में वियतनाम के साथ युद्ध के दौरान युद्ध देख चुके हैं। पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इलीट यूनिट में सेवा दे चुके हैं। वांग तिब्बत में पोस्टेड रहे हैं। यहां वह मूल तिब्बती आबादी के बीच सरकार विरोधी भावना को दबाने का काम कर रहे थे। तिब्बत को लेकर चीन हमेशा से सर्तक रहा है। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तिब्बत दौरे पर थे। यहां उन्होंने  धार्मिक कार्यों को नियंत्रित करने वाले मौलिक दिशानिर्देशों को लागू करने पर जोर दिया था। साथ ही सेना को युद्ध के लिए बेहतर तैयारी करने को कहा था।

हाल ही में तालिबान के टॉप लीडर मुल्ला बरादर के नेतृत्व में तालिबान का एक प्रतिनिधिमंडल बीजिंग पहुंचा था जहां चीनी विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत हुई थी। इस बातचीत के बाद तालिबान ने चीन को भरोसा दिलाया था कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल चीन के खिलाफ नहीं होने देंगे।

चीनी विदेश मंत्री ने कहा है कि चीन को उम्मीद है कि तालिबान, पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट (ETIM) के साथ ‘दृढ़ता से निपटेगा’। बता दें कि पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट शिनजियांग में आजादी की लड़ाई लड़ रहा है। अपुष्ट रिपोर्ट्स बताती हैं कि ETIM से जुड़े सैकड़ों लड़ाके पूर्वोत्तर अफगानिस्तान में मौजूद हैं।

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