धर्म

शनि की साढ़े साती और अढैय्या से राहत पाने जातक करे यह उपाए…

नई दिल्ली। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार न्याय के देवता शनि देव मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। सभी ग्रहों में सबसे धीमी चाल के कारण शनि देव को एक राशि से दूसरी राशि में पहुंचने के लिए ढाई साल का समय लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो कुछ राशियों पर शनि साढ़े साती तो कुछ पर ढैय्या शुरू हो जाती है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि साढ़े साती और ढैय्या का चरण बेहद ही कष्टदायी माना जाता है। क्योंकि इस दौरान मनुष्य को मानसिक, शारिरिक और आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि के जातकों पर शनि की साढ़े साती चल रही है। वहीं मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की शनि की साढ़े साती या फिर ढैय्या चल रही है तो कुछ उपायों के जरिए आप इनसे छुटकारा पा सकते हैं। शनि की महादशा से बचने के लिए आप शनि के वैदिक या तांत्रिक मंत्र सहित दशरथ कृत शनैश्चर स्तोत्र का पाठ कर सकते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को शुभ परिणाम मिलते हैं।

इन मंत्रों का करें जाप: जिन लोगों पर साढ़े साती और ढैय्या की महादशा चल रही है वह इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। विशेष रूप से शनिवार के दिन इन मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। शनि की कृपा दृष्टि पाने के लिए आप ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:’ इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

जिंदगी में लाएं ये बदलाव: जो लोग शनि दोष से पीड़ित चल रहे हैं, उन्हें अच्छे कर्म करने चाहिए। आलस्य का त्याग कर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। गरीबों को दान और ब्राह्मणों का आदर करना चाहिए। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।

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