छत्तीसगढ़बिलासपुर

पंकज सिंह के लिए बनाया गया दबाव विधायक को पड़ा भारी, हो सकता हैं छह साल का वनवास…

बिलासपुर। कांग्रेस नेता पंकज सिंह के द्वारा सिम्स कर्मचारी को कथित रूप से की गई मारपीट के मामले में विधायक शैलेष पाण्डेय द्वारा बनाया गया दबाव खुद पर भारी पड़ने लगा है। शहर कांग्रेस कमेटी ने विधायक द्वारा दिए बयान और सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन को अनुसानहीनता मानते हुए छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने संबंधी प्रस्ताव प्रदेश कांग्रेस कमेटी को भेजा जाना शैलेष पाण्डेय के लिए उलटा दांव हो गया। अगर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सीधे तौर पर कार्रवाई कर देती है तो एक तरह से शैलेष पाण्डेय का राजनीतिक वनवास समझा जाएगा। हालांकि यह कहा जा रहा है कि शहर कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी एक जांच दल भेजकर वस्तुस्थिति का पता लगाएगी। उसके बाद ही कार्रवाई होगी।

 

शहर कांग्रेस कमेटी अपने ही पार्टी के विधायक के खिलाफ निष्कासन करना सामान्य बात नहीं है। और पहले जिस तरह से शैलेष पाण्डेय यह चिल्ला-चिल्लाकर कहा कि हम टीएस सिंहदेव के लोग हैं। वहीं इस पर टीएस सिंहदेव ने भी असहमित जताई। उन्होंने कभी प्रदेश में गुट होने की बात नहीं कही है। ऐसे में शैलेष पाण्डेय का वह बयान भी समझ से परे हैं। दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस के नेता ने भी कहा कि-कौन किसका आदमी और कौन किसकी औरत यह हमें पता नहीं है। इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस की किरकिरी हो रही है। शहर को बीस साल बाद कांग्रेस विधायक मिला। लेकिन विधायक द्वारा अपने ही सरकार के अधिकारियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन और बयानबाजी किया जाना समझ से परे है। वहीं शहर के लोगों को यह लगा रहा है कि अखिर में प्रदेश में सरकार किसकी है और विधायक शैलेष पाण्डेय किस पार्टी के है।

 

गुरुवार को देर शाम कांग्रेस भवन में कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। जहां विधायक शैलेष पाण्डेय के बयानबाजी को अनुशासनहीनता मानते हुए शहर कांग्रेस कमेटी की 21 सदस्यों की टीम ने निष्कासन का प्रस्ताव पारित किया। पार्टी ने आगे की कार्रवाई के लिए अनुशंसा ऊपर भेजने की सिफारिश भी की है। बैठक में कमेटी के पदाधिकारियों ने कहा कि जो भी बात थी उसे पार्टी के अंदर रखी जानी चाहिए थी। पार्टी मिलकर एफआईआर का विरोध करती। लेकिन सार्वजनिक तौर पर मीडिया में बयान जारी करना पार्टी में विरोध की गतिविधियों व अनुशासनहीनता को दर्शाता है।

 

वहीं दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि मुझे मीडिया के माध्यम से इस बात की जानकारी मिली है, जिसे देखते हुए अगर कोई शिकायत आती है तो गुणदोष का परीक्षण करेंगे और जरूरत पड़ी तो नोटिस भेजेंगे। साथ ही इसकी जांच के लिए कमेटी भी गठित की जाएगी।

Back to top button