धर्म

ज्योतिष में शुक्र ग्रह और उसका प्रभाव …

वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।

समझें शुक्र एवम शुक्र के प्रभाव को–

शुक्र, वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह है और तथा सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह माने जाते हैं। शुक्र का गोचर 23 दिन की अवधि का होता है अर्थात शुक्र एक राशि में क़रीब 23 दिन तक रहता है।

ज्योतिष में धन और लक्ष्मी का कारक शुक्र ग्रह को माना गया है। सबसे ज्यादा धन देने में यही ग्रह समर्थ है। शुक्र ग्रह को शुक्राचार्य-दैत्याचार्य भी कहा जाता है। वृषभ और तुला राशि का स्वामी शुक्र ही होता है। तुला राशि शुक्र की मूल त्रिकोण अर्थात सबसे प्रिय राशि है। व्यय भाव अर्थात पत्रिका का 12वां स्थान इसकी सबसे प्रिय जगह है। 12वीं राशि मीन में यह उच्च राशि का होता है। इस ग्रह को भोग प्रिय ग्रह कहा गया है। इसलिये पत्रिका के बारहवें भाव जिसे खर्च, शय्या स्थान भी कहा जाता है, वहां यह ग्रह सबसे शानदार परिणाम देता है। यदि आपकी कुंडली में यह ग्रह अच्छी स्थिति में है तो आपको शानदार जीवन जीने को मिलेगा। शुक्र की नीच राशि कन्या होती है। जहा ये ग्रह अच्छे परिणाम नहीं देता।

शुक्र ग्रह और उसके शुभाशुभ प्रभाव:—

शुक्र   ::   आज हम बात करेंगे शुक्र ग्रह के बारे में। शुक्र राक्षसों के गुरु एवं भोग विलास के देवता माने जाते हैं। विवाह, वाहन, सुख, ऐश्वर्य और भोग विलास का विचार शुक्र से ही किया जाता है।

शुक्र के शुभ फल::

कुंडली में यदि शुक्र शुभ और योग कारक है तो जातक को उच्च कोटि का वाहन सुख एवं भोग विलास की सारी चीज़ें सहजता से प्राप्त हो जाती हैं। जातक आकर्षक व्यक्तित्व का, कला नृत्य संगीत प्रेमी और विपरीत लिंगियों का प्रिय होता है। महंगे कपड़े और सुगंध का शौकीन होता है।

शुक्र के अशुभ फल::

कुंडली में शुक्र खराब हो तो जातक अनाकर्षक, स्त्री पुरुष जनित रोग से ग्रस्त रहता है। जीवन में सुख समृद्धि का अभाव रहता है।

शुक्र से सम्बन्धित व्यवसाय::

शुक्र शुभ हो तो जातक वस्त्र, सुगंध, होटल, सजावटी वस्तुओं, सौंदर्य प्रसाधन आदि के व्यवसाय से लाभ प्राप्त करता है।

शुक्र का मंत्र   ::   ऊं शुं शुक्राय नमः।

 

©पूनम पांडेय

संपर्क – 8002524653

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