कोरबाछत्तीसगढ़

नगर निगम कोरबा में शासन का आदेश ताक पर, किस चहेते को लाभ पहुंचाने टेण्डर में जोड़ा विशेष शर्त?

कोरबा (गेंदलाल शुक्ल) । नगर पालिक निगम कोरबा के एक टेण्डर में राज्य शासन ने आदेश को ताक पर रखकर नयी शर्त जोड़ दी गयी है। इसके साथ ही लोग पूछने लगे हैं कि किस चहेते का फायदा पहुंचाने के लिए यह उपक्रम किया गया है?

जानकारी के अनुसार नगर निगम के वार्ड-14 पम्प हाऊस में शा. उ. मा. शाला भवन का निर्माण और संसारण कार्य की ई-टेण्डर क्रमांक-65776 आमंत्रित की गयी है। 22 जुलाई को होने जा रहे टेण्डर में कार्य की लागत एक करोड़ रूपये है। निविदा की कंडिका-04 में शर्त रखी गयी है कि निविदाकार को पिछले तीन वित्तीय वर्ष के किसी एक वर्ष में एकल निविदा में 60 लाख रूपयों या इससे अधिक राशि के कार्य संपादन का अनुभव होना चाहिये। अनुभव प्रमाण पत्र किसी सरकारी विभाग अथवा शासकीय उपक्रम-संस्था के कार्यपालन अभियंता या उच्चाधिकारी द्वारा जारी होना चाहिये।

आपको बता दें कि उक्त टेण्डर की इस शर्त को लेकर नगर निगम के गलियारे में सरगर्म चर्चा होने लगी है। कारण है-राज्य शासन के आदेश की अवहेलना। ठेकेदारों के अनुसार शासन ने दो करोड़ रूपयों तक के कार्य में किसी भी प्रकार के अनुभव की अनिवार्यता का कुछ वर्ष पूर्व समाप्त कर दिया है। शासन के स्पष्ट आदेश के बाद महापौर के वार्ड में हो रहे निर्माण कार्य की निविदा में इस शर्त को जोड़ने से लोगों में तरह-तरह की शंका -आशंका उत्पन्न हो गयी है।

नगर निगम के ठेकेदारों का कहना है कि इससे पहले तुलसी मार्ग में सवा करोड़ रूपये से शापिंग काम्पलेक्स निर्माण की निविदा बुलाई गयी थी। जिसमें किसी भी प्रकार का अनुभव नहीं मांगा गया था। यह निविदा अभी प्रक्रिया में है। दूसरी ओर वार्ड क्र.-14 की निविदा में दर्री के एक ठेकेदार को लाभ देने के लिए नयी शर्त जोड़ दी गयी है। ठेकेदारों ने बताया कि निविदा में भ्रामक जानकारी भी दी गयी है और इसके पीछे किसी बड़े घोटाले की योजना का संदेह होता है।

बहरहाल हाईस्कूल पम्प हाऊस का निरीक्षण करने पर पता चला कि स्कूल परिसर में अध्ययन-अध्यापन के लिए 23 कक्ष हैं। पहली से दसवीं कक्षा तक हिन्दी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से आसानी से पढ़ाई हो सकती है। इसके अलावे हाल ही में परिसर में नये पक्के भवनों का निर्माण और मरम्मत भी कराया गया है। मौका देखकर नगर निगम की निविदा और अधिक संदिग्ध हो जाती है। पता चला है कि इस कार्य के बिल का अब तक भुगतान भी नहीं हुआ है।

चूंकि इस परिसर में अंग्रेजी माध्यम स्कूल संचालित होना है। लिहाजा शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार पाण्डेय से भी संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि इस शाला को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाना है। पहली से पांचवीं कक्षा तक अंग्रेजी के माध्यम से संचालित किया जायेगा। मिडिल और हाईस्कूल में हिन्दी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से अध्ययन-अध्यापन होगा। विद्यार्थी अपनी रूचि से किसी भी माध्यम से अध्ययन कर सकेंगे। उन पर भाषा को लेकर कोई बंधन नहीं होगा।

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