मध्य प्रदेश

एमपी के कारम डैम का निर्माण करने वाली कंपनी का जीएम बाप-बेटी की हत्या का आरोपी …

भोपाल. मध्यप्रदेश के धार जिले के धामनोद में घटिया काम की वजह से ढहने वाले कारम डैम की निर्माता सारथी कंस्ट्रक्शन का जीएम (ऑपरेशन्स) सागर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में 16 जुलाई 2019 को हुए दोहरे हत्याकांड में आरोपी है। वारदात के बाद उसने हाइकोर्ट की शरण ली है, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगी है। इस वारदात के बाद सारथी कंस्ट्रक्शन के जीएम सहित सात साहूकारों को कर्ज वसूली के दबाव की बात सामने आने पर पुलिस द्वारा आरोपी बनाया गया था।

पिछले दिनों मप्र के धार जिले में कारम डैम बहने की घटना के बाद उसे बनाने वाली ग्वालियर की पेटी कांट्रैक्टर कंपनी सारथी कंस्ट्रक्शन का नाम चर्चा में आया था। सारथी कंस्ट्रक्शन के एक पदाधिकारी का कनेक्शन शहर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में नया आरटीओ कार्यालय-पथरिया जाट रोड पर बाप-बेटी की हत्या-आत्महत्या की वारदात से जुड़ा है। 16 जुलाई 2019 को पुलिस को रात में पथरिया जाट रोड पर कार में ब्रजेश उर्फ अजय चौरसिया और उनकी बेटी का शव जबकि पत्नी कार की पिछली सीट पर बेसुध हालत में मिली थी। ब्रजेश और उनकी बेटी की मौत गोली लगने से हुई थी। पुलिस ने कार के पास से एक रिवॉल्वर भी जब्त की थी।

वारदात के बाद ब्रजेश द्वारा लिखा एक सुसाइड नोट पुलिस ने उसके मामा से जब्त किया था। इस सुसाइड नोट में ब्रजेश ने कर्ज के दबाव के बारे में लिखा था। पुलिस ने इस सुसाइड नोट के आधार पर शहर में साहूकारी करने वाले मनोज यादव, सोहन उर्फ सुन्नू केशरवानी, अनिल शुक्ला, श्याम सुंदर सोनी, सुरेन्द्र साहू, इंजीनियर राजेश मिश्रा के अलावा ग्वालियर निवासी परफेक्ट सीमेंट के डीलर और सारथी कंस्ट्रक्शन के वर्तमान जीएम (ऑपरेशन्स) गौरव भारद्वाज को भी आरोपी बनाया था।

केस दर्ज होने के बाद गौरव ने हाइकोर्ट की शरण ली, जिसके चलते उसकी गिरफ्तारी पर रोक लग गई थी। पुलिस के अनुसार ब्रजेश ने कर्ज से परेशान होकर पत्नी और बेटी की हत्या कराने एक बदमाश को सुपारी दी थी और स्वयं गोली मारकर आत्महत्या की थी। इससे पहले उसने पत्नी और बेटी को कोल्डड्रिंक में कोई नशीला पदार्थ मिलाकर पिलाया था, जिस कारण पत्नी पीछे की सीट पर बेसुध हो गई थी और इसी वजह से बदमाश ने उन्हें मृत समझकर गोली नहीं मारी थी और उनकी जान बच गई। यह प्रकरण अब भी जांच में है, लेकिन विवेचना में कई खामियों की वजह से प्रकरण के पूरे आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।

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