लखनऊ/उत्तरप्रदेश

मरा शख्स 3 साल बाद मिला जिंदा, खुद ही 26वीं मंजिल से फेंक किया था मर्डर ….

अपराधों का गढ़ उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां विजयनगर थाना क्षेत्र की प्रतीक ग्रांड सिटी में तीन साल पहले एक युवक की 26वीं मंजिल से फेंककर हत्या कर दी गई थी। उसकी मौत को हादसा दर्शाने का प्रयास किया गया और एक आरोपी ने अपना भाई बताते हुए न केवल अंतिम संस्कार किया, बल्कि कंस्ट्रक्शन कंपनी से मुआवजा लेने का भी प्रयास किया। हत्या का पता चलने पर उसे जेल भेज दिया गया।

अब तीन साल बाद पता चला है कि जिस श्रमिक की मौत का मुआवजा लिया गया था, वह अभी जिंदा है और पुलिस उस तक पहुंच भी गई। अब सवाल यह है कि जिस युवक की हत्या हुई थी वह कौन था। इस बारे में पुलिस पता लगाने का प्रयास कर रही है। पुलिस आरोपियों को पूछताछ के लिए जल्द रिमांड पर लेगी। मामले में कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

एसीपी कोतवाली सुजीत कुमार राय ने बताया कि विजयनगर थाना क्षेत्र के प्रतीक ग्रांड सिटी प्रोजेक्ट में 21 फरवरी 2020 को एक श्रमिक की 26 वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। उसका शव साइट पर नीचे पड़ा मिला था। शुरुआती जांच में भाई व एक साथी ने बताया कि उसकी नीचे गिरने से मौत हुई है। अगले दिन पुलिस ने जांच की तो 26वीं मंजिल पर खून से सना एक पाइप पड़ा मिला था।

हत्या के पीछे उसने पुलिस को पारिवारिक कारण बताए थे और बताया था कि वह कंपनी से भाई की मौत के बाद मुआवजा लेना चाहता था। मुआवजा मिलने से पहले ही हत्या की पोल खुल गई और दोनों आरोपित जेल चले गए। बाद में जांच में पुलिस को पता चला कि जिस सर्वेश की हत्या करना बताया गया, वह जिंदा है और पुलिस ने सर्वेश को जिंदा बरामद कर लिया। पुलिस ने उसका डीएनए कराया तो वह भी पॉजिटिव आया।

इस मामले में 23 फरवरी को कंपनी के ठेकेदार संजीव कोहली ने कुन्नूलाल और ओमप्रकाश रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुन्नूलाल ने ही अपने भाई सर्वेश का आधार कार्ड लगाकर मरने वाले युवक की नौकरी लगवाई थी। इसके बाद उसकी हत्या कर मुआवजा लेने का प्रयास किया गया। एसीपी कोतवाली सुजीत कुमार राय का कहना है कि मरने वाले युवक का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।

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