रायपुर

बेटी को बाप से अभी भी खतरा..लेकिन मनाने की कोशिस करेगी

सखी सेंटर से रिहाई के बाद अंजलि ने कहा पति के साथ सुरक्षित महसूस कर रही

रायपुर(दीपक दुबे)। नौ महीने तक उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार बुधवार को अंजली जैन सखी सेंटर से रिहा कर दी गई। अंजली जैन को रिहा करने से पहले सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए थे। सखी सेंटर के बाहर भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था, साथ ही 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू किया गया था। रिहाई होने के बाद मीडिया से संक्षिप्त चर्चा में अंजली जैन ने कहा- पिता से मुझे अभी भी डर है और पति के संग ही मैं सुरिक्षत महसूस कर रही हूं। इसके साथ ही अंजली जैन ने अपनी सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है। अंजली ने कहा कि मैं अपने परिवार वालों से अपील करना चाहती हूं कि जो कुछ हुआ, वे उसे स्वीकार कर लें। उन्होंने यह भी कहा है कि वह अपने पिता से रिश्ता नहीं तोड़ेंगी और उन्हें मनाने की कोशिश करेंगी।

 जानिए, क्या है पूरा मामला…

33 वर्षीय मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीक़ी मुस्लिम परिवार से आते हैं और 23 वर्षीय अंजली जैन जैन परिवार से आती है। दोनों छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के रहने वाले हैं। करीब दो साल पहले इनकी आपस में जान-पहचान हुई और दोनों के बीच प्यार हो गया। फिर 25 फ़रवरी 2018 को रायपुर के आर्य समाज मंदिर में दोनों ने शादी कर ली थी। शादी के बाद इब्राहिम ने दावा किया था कि उन्होंने शादी से पहले हिंदू धर्म अपना लिया था। इसके बाद अपना नाम आर्यन आर्य रखा था। शादी के बाद से ही मामले में कई पेंच फंसते गए और मामला स्थानीय अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक चला।

इस बीच 19 मार्च से 9 महीने तक अंजली सखी सेंटर में रह रही थी। वहीं हाईकोर्ट ने 15 नवंबर को अंजली के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि अंजली जैन अपनी मर्ज़ी के व्यक्ति के साथ और अपनी मर्ज़ी की जगह में रह सकती है। अदालत ने ज़िले के पुलिस अधीक्षक के समक्ष अंजली जैन को सखी सेंटर से मुक्त कराए जाने के निर्देश भी दिए थे। जिसके बाद अंजलि जैन ने पति आर्यन आर्य उर्फ मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीक़ी के साथ रहने का निर्णय लिया है।

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