धर्म

रानी अहिल्या बाई होलकर द्वारा बसाया गया महेश्वर शहर कई मायनों में खास है, जरूर जाएं …

नर्मदा परिक्रमा भाग -19

अक्षय नामदेव। कनकधारा मठ कोटेश्वर से 27 मार्च 2021 शनिवार को लगभग 12:00 बजे  हम आगे परिक्रमा के लिए रवाना हुए। धूप तेज थी इसके बावजूद हम आगे की यात्रा पर निकल गए थे। दोपहर 1:00 बजे हमने खलघाट का दर्शन किया। खलघाट को कपिला तीर्थ कहा जाता है। खलघाट से 12 किलोमीटर दूर धर्मपुरी स्थित है जहां महर्षि दधीचि की तपोभूमि है। खलघाट से दर्शन पूजन पश्चात हम दोपहर 2:00 बजे लगभग महेश्वर पहुंचे। नर्मदा नदी का महेश्वरी नदी से संगम होने के कारण यहां नर्मदा तट का नाम महेश्वर पड़ा।

महेश्वर रानी अहिल्याबाई होलकर द्वारा बसाया गया नर्मदा तट का एक प्रमुख नगर है। रानी अहिल्याबाई अत्यंत धार्मिक महिला थी तथा वे मां नर्मदा की बड़ी भक्त थी। अपनी नर्मदा भक्ति के कारण ही उन्होंने होलकर राज की राजधानी इंदौर से स्थानांतरित करके महेश्वर में स्थापित की थी तथा यहां नर्मदा घाट पर सुंदर विशाल किला तथा घाटों का निर्माण कराया जो आज भी उनकी नर्मदा भक्ति का साक्षात प्रमाण है। यहां नर्मदा घाट को देखते ही मैकला बेटी ने कहा पापा यही अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन किस शूटिंग हुई थी,,, । वह घाटों को कैमरे में कैद करने लगी। महेश्वर के नर्मदा घाट के बारे में बताते हैं कि माता अहिल्या यहां नर्मदा घाट पर रोजाना 108 ब्राह्मणों से सवा लाख शिवलिंग का निर्माण कराती थी तथा उसे पूजन पश्चात नर्मदा में विसर्जित कर देती थी। आज भी यह परंपरा कायम है। वर्तमान में11 ब्राह्मणों के द्वारा प्रतिदिन 15000 शिवलिंग  का निर्माण कर पूजन पश्चात उनका विसर्जन नर्मदा में किया जाता है।

महेश्वर स्थित नर्मदा घाट पर विशाल मंदिरों के समूह है। यहां नर्मदा घाट की सुंदरता देखते ही बनती है। 3:00 बजे के लगभग हमने महेश्वर स्थित नर्मदा घाट का पूजन अर्चन दर्शन किया। यहां सुंदर घाटों के बीच नर्मदा अत्यंत सुंदर लगती है। तेज धूप के बावजूद  नर्मदा घाट पर बैठना अच्छा लग रहा था। यहां नर्मदा का जल अत्यंत शीतल था। शनिवार छुट्टी का दिन होने के कारण इंदौर तथा आसपास के नगरों से लोग बड़ी संख्या में महेश्वर नर्मदा घाट दर्शन के लिए आए थे । यहां नर्मदा घाट पर वोटिंग की भी व्यवस्था है लोग यहां वोटिंग एवं  जल क्रीड़ा कर रहे थे। अनेक लोग अपने बच्चों को यहां तैराकी सिखा रहे थे। तैराकी सीखना सब के भाग्य में नहीं होता। जहां इस तरह नदी या जल स्रोत होते हैं वही के लोगों को तैराकी का अवसर मिलता है। अनेक बच्चों को तैराकी सीखते देख मैंकला बेटी ने सवाल किया पापा क्या मैं तैराकी नहीं सीख सकती? मैंने कहा हमारे यहां तैराकी की सुविधा नहीं है बेटा। उसने कहा हमारे यहां जो स्विमिंग पूल है वह कब शुरू होगा? मैं इसका जवाब नहीं दे सका। वह मछलियों को आटे की गोलियां  खिलाने में व्यस्त हो गई । नर्मदा तट पर बैठे रहने के बाद मैं यहां अपने को नर्मदा स्नान से नहीं रोक सका । काफी देर तक स्नान करने के बाद जब मैं बाहर आया तो बेटी मुझसे नाराज थी। कहने लगी आप अकेले नहा लिए मैं भी नहाती। मैंने कहा अभी दोपहर मैं तेज धूप में नहाने से तुम्हारी तबीयत बिगड़ सकती है। उसने कहा और आपकी? वह नाराज हो गई थी। मैं नर्मदा घाट में लगे गन्ने के रस की दुकान में उसे गन्ना रस पिला कर उसकी नाराजगी दूर करने की कोशिश की।

वैसे महेश्वर तीर्थ इतना बड़ा एवं सुंदर है कि यहां आप कम से कम 2 दिन रुक कर ही आसपास के मंदिरों एवं तीर्थों का दर्शन कर सकते हैं परंतु परिक्रमा वासियों के लिए यह सब संभव नहीं है। फिर कभी महेश्वर तीर्थ का दर्शन करने का विचार लेकर हम महेश्वर तीर्थ से मां नर्मदा को प्रणाम कर आगे के लिए रवाना हुए।

                    क्रमशः

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