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तौकीर रजा ने बयान जारी करते हुए कहा- हम अपनी हिफाज़त खुद करेंगे, किसी बुलडोजर को बर्दास्त नहीं करेंगे

बरेली
उत्तराखंड के हल्द्वानी में हिंसा के बाद IMC के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा का एक और विवादित बयान सामने आया है।  उन्होंने कहा, ‘अगर हमपर कोई हमला हुआ तो जान ले लेंगे।’ तौकीर रजा ने ऐलान किया था कि वह आज यानी कि शुक्रवार को नमाज अदा करने के बाद सामूहिक तौर पर गिरफ्तारी देंगे, जिसके बाद बरेली का पुलिस-प्रशासन अलर्ट हो गया है।

तौकीर रजा ने बयान जारी करते हुए कहा, ‘हल्द्वानी में बवाल किसने करवाया। हमारे घर पर बुलडोजर चलवाओगे तो हम क्या करेंगे। हम अपनी हिफाज़त खुद करेंगे, किसी बुलडोजर को बर्दास्त नहीं करेंगे।’ नमाज पर जाने से पहले तौकीर रजा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों का हनन हो रहा है। अगर कोई अपराधी है तो उसके मकान, मदरसा और मस्जिद पर बुलडोजर क्यों चलाया जा रहा है, इसका विरोध करेंगे। मौलाना तौकीर रजा ने यह भी कहा कि पुलिस और हिंदूवादी दल मुल्क को बर्बाद कर रहे हैं। इसके खिलाफ जेल भरो आंदोलन चलाया जाएगा, जो देशव्यापी चलेगा। लेकिन इसकी शुरुआत बरेली से करेंगे। तौकीर रजा ने यह भी कहा कि सरकार चाहे तो मुझपर यूएपीए लगा सकती है।

देश में नफ़रत का माहौल पैदा कर दिया गया- मौलाना
तौकीर रजा ने यह भी कहा कि पूरे में नफ़रत का माहौल बना दिया गया है। ऐसे में हम सब की जिम्मेदारी है कि अपनी इबादतगाहों के तहफ्फुज के लिए संविधान में दिए अधिकार के साथ हम शांति पूर्वक अपना विरोध दर्ज कराए। मौलाना ने कहा कि हमसे बोलने तक के अधिकार को छीना जा रहा है। हम जुल्म होते किसी सूरत में सहन नही कर सकते और न देख सकते हैं। जब हम कुछ नहीं कर सकते तो ऐसे आज़ादी से बेहतर है कि हम खुद को गिरफ्तार करा दें।

आपको बता दें कि सुरक्षा के मद्देनजर से इस्लामिया ग्राउंड में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है। वहीं मुस्लिम युवक भी भारी संख्या में ग्राउंड पर पहुंचे हुए हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। पुलिस ने मौलाना के आवास सहित प्रमुख सड़कों पर पुलिस बल को तैनात किया हुआ है। बरेली में स्कूलों में हाफ डे करते हुए बच्चों को छुट्टी कर दी गई है इसके साथ ही शहर के बीच रोडवेज बस अड्डे में बसों की आवाजाही भी बंद कर दी गई है। बसों को शहर से निकाल दिया गया है। मौलाना तौकीर रजा ने देश में नफरत का माहौल बनाने, ज्ञानवापी और मथुरा के धर्मस्थलों को लेकर दिए गए आदेशों से असहमति जताते हुए सामूहिक गिरफ्तारी देने का ऐलान किया था।

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