मध्य प्रदेश

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आवास के लिए सुराज नीति- 2023 को कैबिनेट की हरी झंडी मिली

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने दी जानकारी

भोपाल। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा अनुसार ‘शासकीय भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उपलब्ध हुई भूमि पर आवासहीन, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए आवास निर्माण के लिए सुराज नीति-2023’ का मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदन कर दिया गया है।

जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि का स्वयं संसाधन के रूप में समुचित उपयोग करते हुए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ई.डब्ल्यू.एस.) के लिए सु-राज कॉलोनी में आवास निर्माण मय आवश्यक अधो-संरचना कार्यों, सामुदायिक सुविधाओं के निर्माण किये जाने तथा सुराज कालोनी के निर्माण के लिए उचित वित्तीय संसाधन जुटाने तथा शहरी क्षेत्र के उक्त भू-खंडों का सुसंगत योग्य घनत्व से विकास सुनिश्चित करने के लिए यह नीति तैयार की गई है। नीति का उद्देश्य बिना शासकीय बजटीय सहायता के पुनर्घनत्वीकरण नीति के अनुरूप सुराज कॉलोनी के तहत ई.डब्ल्यू.एस. श्रेणी के आवासहीनों के लिए किफायती आवास प्रदान करना और अतिक्रमण से मुक्त की गई भूमि का शहर के विकास के लिए सर्वोत्तम उपयोग करना है।

नीति के मुख्य बिंदु

  • एक अप्रैल 2020 के बाद अतिक्रमण से मुक्त कराई गई शासकीय भूमि पर आवासहीन तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आवास निर्माण की योजना।
  • अतिक्रमण से मुक्त कराई गई भूमि का एक टुकड़ा निजी डेवलपर को सौंपा जाएगा, जिसके बदले और शेष भूमि में ईडब्ल्यूएस आवास के लिए सुराज टावर बनेगा।
  • निजी डेवलपर को दिए जाने वाले भू-खंड के आरक्षित मूल्य की गणना लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग की स्थापित नीति के अनुसार खुली निविदाओं के आधार पर की जायेगी।
  • छोटे शहरों में मल्टी स्टोरी के स्थान पर 450 वर्ग फीट तक के आवासीय पट्टे भी कॉलोनी विकसित कर दिए जा सकेंगे।
  • परियोजना में सुराज कॉलोनी के लिए समस्त आवश्यक अधो-संरचना जैसे सड़क, जल-प्रदाय, बिजली, बगीचा, समुदायिक भवन और आवश्यकता होने पर स्कूल एवं डिस्पेंसरी भी बना कर दी जाएगी।
  • निर्माण होने के बाद इकाइयों का आवंटन कमजोर आय वर्ग के आवासहीन को प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता एवं फार्मूले के आधार पर जिला स्तर पर किया जाएगा।
  • विशेष परिस्थितियों में झुग्गी बस्तियों का पुनर्वास तथा शासकीय परियोजनाओं जैसे सड़क इत्यादि में आवश्यकता होने पर पुनर्वास भी किया जा सकता है।
  • योजना के क्रियान्वयन के लिए अन्य सभी प्रक्रिया राज्य में स्थापित रिडेंसीफिकेशन नीति 2022 के अनुसार रहेगी।
  • सुराज टावर/कॉलोनी का निर्माण समय-सीमा एवं गुणवत्ता से करने के प्रावधान किए गए हैं। पेनल्टी का भी प्रावधान है।
  • सुराज टावर कॉलोनी निर्माण के बाद अगले 5 सालों तक डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड विकास और 3 वर्ष तक कॉलोनी का रख-रखाव संचालन एवं मरम्मत का दायित्व निजी डेवलपर का रहेगा।
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