छत्तीसगढ़बिलासपुर

शिक्षा नीति के तहत लेखन कौशल पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन …

जांजगीर। साहित्य से ही समाज का हित है और इसके लिए लेखन कौशल अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए जिला सूरजपुर के विकासखंड प्रतापपुर स्थित शा कन्या उमावि (टी) की नवाचारी व्याख्याता शशि पाठक ने अभिनव पहल करते हुए राज्य स्तरीय लेखन कौशल कार्यशाला का आयोजन किया। जिसमे विषय विशेषज्ञों द्वारा छात्रायों को निबंध और कविता लेखन के आवश्यक पहलुयों की जानकारियां दी गईं।

शशी पाठक

कार्यक्रम का शुभारंभ कक्षा दसवीं की छात्रा चंद्रमनिया के सरस्वती वंदना से हुआ तत्पश्चात कार्यक्रम संयोजक शशि पाठक द्वारा आमंत्रित वक्तायों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्य को बताया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रांताध्यक्ष, साहित्य साधना समिति छत्तीसगढ़ और काव्य संसद वेबपोर्टल के संस्थापक पुखराज प्राज द्वारा निबंध लेखन की बारीकियों को विस्तार से बताया गया। उन्होंने ने बताया कि निबंध नियमों में बंधा हुआ शब्दों की कसावट है जो पाठक के मानसपटल पर अमिट छाप छोड़ती है। निबंध में विषय वस्तु के सकारात्मक व नकारात्मक दोनों पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष में अपने विचारों को समावेश करने की बात कही।

सभा को संबोधित करते हुए अतिथि वक्ता संगठन सचिव साहित्य साधना सभा छत्तीसगढ़ पुष्पा पटनायक द्वारा कविता लेखन की विभिन्न पहलुओं को बताया गया। उन्होंने ने बताया कि कविता लेखन हेतु पांचों इंद्रियों का इस्तेमाल करना चाहिए कविता काल्पनिक मनोभावों का कलात्मक व रागात्मक अभिव्यक्ति है। कविता लेखन हेतु शांत वातावरण में अपने मनोभावों को शब्दों में पिरोने का प्रयत्न करें।

छात्रओं के उत्साहवर्धन हेतु जितना है मुझे नामक स्वरचित कविता का वाचन कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त आशुकवि अविनाश तिवारी ने छात्रायों को तुकबंदी कविता की बारीकियों से अवगत कराते हुए निरंतर लेखन कार्य से ज़ुड़े रहने की प्रेरणा दी। उन्होंने ने बताया कि आप बहुत ही सरल तरीक़े से अपने मनोभावों को कविता का रूप दे सकते हैं अधिक प्रभावी लेखन हेतु आप कविता को गुनगुनाते हुए लिखे जिससे आपके शब्द की सही कसावट हो सके। छात्रायों के प्रोत्साहन हेतु स्वरचित कविता बापू क्या तुम आयोगे का वाचन कर आदर्श प्रस्तुत किया।

पुष्पा पटनायक

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके कोरबा जिले के व्याख्याता राकेश टंडन ने छात्रों के खोजी प्रवृति को विकसित करने हेतु आस पास के समस्याओं पर कारण निवारण या घटनाओं को अपने विचारों में ढालने की प्रेरणा दी।

 

चर्चा के दौरान व्याख्याता शशि पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विद्यार्थियों को न केवल किताबी ज्ञान से जोड़ना है अपितु ऐसे अवसर भी उपलब्ध कराए जाने हैं जिनसे वो अपनी रुचि अनुसार सफलता पा सकें। इसी तारतम्य में लेखन कौशल कार्यशाला का आयोजन किया गया जिससे छात्रों का चिंतन मनन और अभिव्यक्ति कौशल विकसित हो सके। व्याख्याता ने बताया कि निबंध लेखन हिंदी अंग्रेजी व संस्कृत में सभी कक्षाओं के लिए परीक्षा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। अभिव्यक्ति कौशल को बढ़ावा देने  कार्यक्रम संचालन की जिम्मेदारी विद्यालय की ही छात्रा चंचल गुप्ता और आभार प्रदर्शन कल्पना सिंह को दिया गया जिसका सफल निर्वह छात्रओं द्वारा किया गया।

राकेश टंडन
Back to top button