नई दिल्ली

आपदा काल में दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाली बहु-क्षेत्रीय समन्वय पर केन्द्रित छह पुस्तिकाएं जारी करेगा स्फीयर इंडिया ….

नई दिल्ली।  प्रत्येक वर्ष 13 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस आयोजित किया जाता है जो आपदा का जोखिम कम करने हेतु व्यक्तियों और समुदायों दोनों में जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों के महत्व को बताता है और उनकी सराहना करता है और बदले में आपदाओं के प्रति उनके खतरों को कम करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1989 में पहली बार घोषित, आईडीडीआरआर, वैश्विक आपदा जागरूकता और जोखिम में कमी को बढ़ावा देने की आवश्यकता का आह्वान करता है।

कोविड 19, जो शुरू में एक स्वास्थ्य आपदा थी, वह जल्द ही दीर्घकालिक प्रभाव डालने वाली एक सामाजिक आर्थिक आपदा बन गई। कोविड 19 के वैश्विक प्रभाव ने पूरी दुनिया आपदा जोखिम के प्रबंधन और प्रशासन को सर्वोपरि बना दिया है। आज ऐसी आपदाओं के रोकथाम और इसके जोखिम के प्रति आगाह रहने और इससे उबरने के साथ साथ विकास के प्रति समग्र सामाजिक दृष्टिकोण की तत्काल आवश्यकता है। सुशासन और उत्तरदायी सरकारी संस्थायें, आपदा के प्रभावी प्रबंधन और जोखिम में कमी की आधारशिला होते हैं।

इन्हीं बातों के ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) और आपदा प्रबंधन पर हगनता से कार्यरत गैर सरकारी संस्था स्फीयर इंडिया ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय दिवस (आईडीडीआरआर दिवस) 2021 मनाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन 13 अक्टूबर 2021 को दिल्ली में किया है। इसके साथ ही आपदा का जोखिम कम करने में मीडिया की भूमिका पर केंद्रित एक मीडिया गोलमेज सम्मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है।

इस मौके पर स्फीयर इंडिया आपदा काल के दौरान जवाबी प्रतिक्रिया के लिए बहु-क्षेत्रीय समन्वय पर आधारित छह पुस्तिकाओं की एक श्रृंखला भी जारी करेगा।

आपदा कालीन जवाबी प्रतिक्रिया के लिए खास तौर से तैयार की गयी ये पुस्तिकाएं – स्वास्थ्य, आश्रय, शिक्षा, खाद्य और पोषण, जल और स्वच्छता और संरक्षण इन छह निम्न प्रमुख विषयगत क्षेत्रों पर आधारित हैं और यह आपात स्थिति के दौरान आपसी समन्वय के लिए एक संक्रियात्मक नियमावली के रूप में भी कार्य करेगी।

इस दिवस के मौके पर स्फीयर इंडिया, जो कि 93 मानवीय संगठनों और उसके सदस्य संगठनों का एक राष्ट्रीय गठबंधन है, ने एक कार्यशाला का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर दिल्ली में आयोजित किया है, जिसमें मुख्य वक्ता एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल मनोज कुमार बिंदल होंगे। कार्यशाला के पैनलिस्टों में शामिल हैं- प्रो अनिल के गुप्ता, एनआईडीएम; कमल किशोर, एनडीएमए; डेनियल गिलमैन, यूनोचा; एस.एन. प्रधान, एनडीआरएफ; मिस्टर टॉम व्हाइट, यूनिसेफ; सुश्री ली मैक्वीन, एनसीडीएचआर; डॉ रजत जैन, डॉक्टर्स फॉर यू; डॉ रितु सिंह चौहान, डब्ल्यूएचओ; डॉ निधि पुंधीर, एचसीएल फाउंडेशन; मिस्टर जस्टिन जेबकुमार, हैबिटेट फॉर ह्यूमैनिटी, इंडिया।

“ये पुस्तिकाएं विभिन्न हितधारकों और क्षेत्र के महत्वपूर्ण व्यक्तियों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं को परिभाषित करती हैं और मानवीय कार्रवाई की प्रभावशीलता और दक्षता बढ़ाने के लिए दिशा निर्देश के रूप में काम करती हैं। स्फीयर इंडिया के सीईओ विक्रांत महाजन के अनुसार इसका उद्देश्य आपदा कालीन जवाबी प्रतिक्रिया के दौरान बेहतर परिणामों के लिए विभिन्न हितधारकों के बीच समन्वय बना कर आपदा के जोखिम को कम करना है।

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