लखनऊ/उत्तरप्रदेश

पीएम मोदी की लीड बढ़ाने और अधिक वोटिंग पर सीआर पाटिल की टीम का खास फोकस

अहमदाबाद
 लोकसभा चुनावों की सबसे हॉट सीट वाराणसी में सातवें और आखिरी चरण में वोट डाले जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2014 के लाेकसभा चुनावों में पहली बार वाराणसी से लड़े थे तब उनका मुकाबला अरविंद केजरीवाल से हुआ था। इस पीएम मोदी के सामने कांग्रेस पार्टी ने फिर अजय राय को मैदान में उतारा है। वे दूसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनावों में वह समाजवादी पार्टी की कैंडिडेट शालिनी यादव के बाद तीसरे नंबर पर रहे थे। अजय राज इस बार 'इंडिया गठबंधन' के कैंडिडेट हैं। इसके बाद भी वाराणसी के दंगल को एकतरफा माना जा रहा है, लेकिन बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में ज्यादा वोटिंग और बेहतर प्रबंधन के लिए गुजरात के नेताओं को मोर्चे पर लगाया गया है।

गुजरात की टीम ने संभाला मोर्चा
पीएम मोदी जब पहली बार वाराणसी से चुने गए थे तो लंबे समय तक गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने वहां पर कैंप किया था। इस बार भी सीआर पाटिल की ड्यूटी वाराणसी की सीट पर है। उनकी टीम माइक्रोमैनेजमेंट का काम देख रही है। इसके अलावा गुजरात बीजेपी के प्रभारी और प्रदेश महामंत्री (संगठन) रत्नाकर भी सक्रिय हो गए हैं। इसके अलावा गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल भी वाराणसी में है। बीजेपी की कोशिश है वाराणसी से पीएम मोदी बड़े अंतर के साथ हैट्रिक लगाए। मुमकिन है कि पीएम मोदी इस बार पांच लाख से ज्यादा की लीड से वाराणसी में जीत हासिल करें। वाराणसी में बीजेपी ने सीआर पाटिल की अगुवाई में ही पन्ना प्रमुख और पेज समिति का प्रयोग किया था। सीआर पाटिल की अगुवाई में यह टीम वाराणसी में वोटिंग की शाम तक सक्रिय रहेगी। पाटिल की टीम में शामिल युवाओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें पर्ची वितरण से लेकर इनकी रिपोर्ट और मॉनीटरिंग का काम शामिल है। वाराणसी में चुनाव प्रबंधन से जुड़े एक नेता ने  बताया कि वोटर लिस्ट के एक पेज पर करीब पांच परिवार होते हैं। हम तीन परिवारों तक औसतन संपर्क कर चुके हैं।

माइक्रो मैनेजमेंट में आगे बीजेपी
इंडिया गठबंधन की तुलना में बीजेपी माइक्रो-मैनेजमेंट में बहुत आगे है। बीजेपी की तरफ वाराणसी लोकसभा सीट पर 80 साल से अधिक आयु के मतदताओं को कॉलिंग का काम पूरा किया जा चुका है। इतना ही नहीं इन मतदाताओं की जानकारी भी चुनाव आयोग को सौंपी जा चुकी है। बीजेपी ने अपनी तरफ से यह प्रयोग इसलिए किया है कि मतदान में बुजुर्गों की भागीदारी कम न रहे। इतना ही नहीं बीजेपी ने पूरे संसदीय क्षेत्र में पन्ना प्रमुखों और पेज समिति प्रमुखों को नियुक्त किया हुआ है। इन सभी पन्ना प्रमुख और पेज समिति प्रमुखों का ब्योरा बीजेपी के पास है। इन सभी के जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सीधा संदेश इनके मोबाइल नंबर और ईमेल पर पहुंचता है।

 

नेताओं पर जनसंपर्क की जिम्मेदारी
गुजरात बीजेपी के एक नेता ने कहा कि सीआर पाटिल लंबे समय तक वाराणसी में काम कर चुके हैं। ऐसे में उनकी सक्रियता लाजिमी है, जबकि संगठन महामंत्री रत्नाकर पूर्व में काशी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री रह चुके हैं। ऐसे में वह वहां पर गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल को चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी में लगाया गया है। पटेल में हिंदी में अच्छे से बात कर लेते हैं। वे गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ ही राज्य सरकार के प्रवक्ता भी हैं। गुजरात बीजेपी के महामंत्री और पूर्व गृह मंत्री गोर्वधन झड़फिया भी वाराणसी में जनसंपर्क कर रहे हैं। वे पीएम मोदी के साथ काफी पहले से जुड़े हैं। वाराणसी सीट से इस बार कुल 41 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था। स्क्रूटनी में चुनाव आयोग ने 33 नामांकन पत्रों को रद्द किया है। ऐसे में अब 8 उम्मीदवार बचे हैं। नामांकन पत्रों की वापसी के बाद अंतिम संख्या तय होगी।

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