मध्य प्रदेश

उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम: लाखों नागरिक दीप प्रज्ज्वलित कर विश्व रिकार्ड बनाने लेंगे बढ़-चढ़कर हिस्सा

सोशल मीडिया पर #Shivjyotiarpanam2023 से भी जुड़ रहे युवा, सीएम शिवराज सिंह और श्रीमती साधना सिंह ने भी लिया संकल्प

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने महाशिवरात्रि पर उज्जैन में दीप प्रज्ज्वलित करने के अनोखे महाअभियान में हिस्सेदारी का संकल्प लिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उज्जैन के निवासियों से भी दीप प्रज्ज्वलित करने के महाअभियान में शामिल होने का आग्रह किया है। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में युवा इस अभियान से जुड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दीप प्रज्ज्वलन में जन-भागीदारी के लिए अपने संदेश में कहा है कि महाशिवरात्रि 18 फरवरी को आ रही है। महाकाल महाराज की कृपा बरसने वाली है। महाशिवरात्रि के पवित्र अवसर पर शिव ज्योति अर्पणम : 2023 कार्यक्रम में महाकाल महाराज की नगरी दीपों के प्रकाश से जगमग होने वाली है। अवंतिकावासी दीप जला रहे हैं, लाखों दीपक। आइए आप भी दीपक जलाइए। मैं भी अपने परिवार के साथ दीपक जलाऊँगा, मैं संकल्प लेता हूँ। आप भी दीपक जलाएँ और उज्जैन महाकाल बाबा की नगरी और मध्यप्रदेश के वैभाव को ओर बढ़ाएँ। जय महाकाल।

उज्जैन में बनेगा वर्ल्ड रिकार्ड

उल्लेखनीय है कि महाशिवरात्रि पर उज्जैन में जन-सहयोग से 21 लाख दीपक प्रज्ज्वलित किए जाएंगे। गत वर्ष भी महाशिवरात्रि पर मुख्यमंत्री श्री चौहान के आहवान पर उज्जैन नगरी महाशिवरात्रि पर जगमग हुई थी। महाशिवरात्रि दीपोत्सव को “शिव ज्योति अर्पणम : 2023” का नाम दिया है। पर्व पर 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित कर गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा। इससे पहले उज्जैन में वर्ष 2022 में महाशिवरात्रि पर 11 लाख 71 हजार 78 दीए प्रज्ज्वलित करने का विश्व रिकार्ड बनाया गया था। इसके बाद अयोध्या में वर्ष 2022 में ही दीपावली पर 15 लाख 76 हजार दीए प्रज्ज्वलित कर नया विश्व रिकार्ड बनाया गया था। उज्जैन में इस बार महाशिवरात्रि पर 21 लाख दीए प्रज्ज्वलित करने की योजना है। यह संपूर्ण आयोजन जीरो वेस्ट के सिद्धांत पर होगा।

इस अनोखे अभियान के भरे जा रहे संकल्प पत्र

उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम: 2023 अंतर्गत क्षिप्रा नदी के घाटों, नगर में स्थित मंदिरों, व्यावसायिक स्थलों और घरों में दीप जलाए जाएंगे। विद्युत सज्जा के साथ रंगोली भी चित्रित की जाएगी। जन-सहभागिता के लिए उज्जैनवासी संकल्प-पत्र भर रहे हैं। सोशल मीडिया पर हैशटैग शिव ज्योति अर्पणम (#Shivjyotiarpanam2023) से लोगों को इस अनोखे अभियान से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री चौहान और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह ने भी आज संकल्प-पत्र भरा।

दीप प्रज्जवलन के दौरान सेल्फी लेना प्रतिबंधित

महाशिवरात्रि पर होने वाले ‘शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव’की तैयारी को लेकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने गत दिवस उज्जैन के प्रशासनिक संकुल सभागार में बैठक की। उन्होंने अफसरों से कहा कि शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम में ड्यूटी देना सौभाग्य का विषय है। उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों से आव्हान किया कि वे विश्व रिकार्ड बनाने की प्रक्रिया में स्वयं को सहभागी समझकर समर्पण के साथ कार्य करें। साथ ही हिदायत दी कि दीप प्रज्जवलन के दौरान सेल्फी न लें। नोडल अधिकारी आशीष पाठक ने बताया कि भूखी माता एवं माली घाट के सेक्टर की जिम्मेदारी ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले वालेंटियर्स एवं अधिकारी-कर्मचारी की रहेगी।

20 हजार वालेंटियर्स किए जा रहे तैनात

इसी तरह अन्य घाटों की जिम्मेदारी भी सेक्टर बांटकर सेक्टर प्रभारियों के पास रहेगी। जिला स्तरीय अधिकारी पर्यवेक्षक अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे। गत वर्ष 13 हजार वालेंटियर्स थे, इस बार 20 हजार वालेंटियर्स इस कार्य के लिए लगाए जा रहे हैं।

निगम आयुक्त ने किया रामघाट का निरीक्षण

शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव की तैयारी का जायजा लेने रविवार शाम नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह रामघाट पहुंचे। उन्होंने घाट की सफाई, दीपों को कतार में रखने के लिए बनाए जा रहे ब्लाक, आकर्षक लाइटिंग एवं फव्वारे लगाने की व्यवस्था को देखा। उनके साथ अपर आयुक्त आदित्य नागर एवं अन्य अधिकारी साथ थे। इधर, महापौर मुकेश टटवाल, एमआइसी सदस्य डा. योगेश्वरी राठौर ने ग्रांड होटल में धुलाई के लिए भेजे दीपों की धुलाई कार्य को देखा। बता दें कि 21 लाख मिट्टी के दीप महाशिवरात्रि पर होने वाले शिव ज्योति अर्पणम् कार्यक्रम में एक साथ, एक समय पर प्रज्जवलित किए जाएंगे।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से धुलवाए जा रहे दीप

दीप प्रज्जवलन के लिए खरीदे 21 लाख दीप आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से धुलवाए जा रहे हैं। इसका नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि निगम के पास बहुत पैसा है। शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव के लिए तीन करोड़ रुपये से अधिक के टेंडर किए गए हैं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं से उनका मूल कार्य न लेकर उनसे दीये धुलवाए जाना, वो भी नि:शुल्क, ये गलत है।

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