मध्य प्रदेश

बागेश्वर धाम पर बंटे शंकराचार्य: द्वारिका पीठ धीरेंद्र शास्त्री के साथ, शारदा पीठ ने चमत्कार को दी खुली चुनौती

थम नहीं रहा बागेश्वर धाम सरकार के कथित चमत्कार का विवाद

भोपाल। इन दिनों पूरे देश में बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेन्द्र शास्त्री के कथित चमत्कार, दावे और चुनौतियों को लेकर बड़ी बहस छिड़ी हुई है। हिंदूवादी संगठन, बागेश्वर भक्त एवं कुछ नेता महंत के समर्थन में आगे आ रहे हैं। वहीं, इस विवाद के बीच दो शंकराचार्यों के अलग-अलग बयान आए हैं। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने उन्हें चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि बागेश्वर सरकार जोशीमठ में धंसकती हुई जमीन को रोककर दिखाएं, तो उनके चमत्कार को मान्यता दूंगा। वहीं, द्वारका शारदा पीठ के स्वामी सदानंद सरस्वती बागेश्वर सरकार के पक्ष में नजर आए।

दोनों शंकराचार्यों के बयान जानने से पहले पूरा मामला जानना जरूरी है। दरअसल, पिछले दिनों महाराष्ट्र के नागपुर में पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य दरबार लगाने के बाद अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक श्याम मानव ने उन्हें चुनौती दी थी। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रायपुर में इस चुनौती को स्वीकार कर लिया। इसके बाद यहां पहला दरबार लगा। यहां उन्होंने श्याम मानव को खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गई। छत्तीसगढ़ के एक मंत्री ने भी उन पर सवाल उठाया। मध्यप्रदेश के नेता प्रतिपक्ष ने भी विरोध जताया। वहीं, भाजपा के दो मंत्रियों ने समर्थन किया है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बागेश्वरधाम सरकार को दी चुनौती

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा – ‘हमारे मठ में दरार आ गई है, उसे जोड़ो। जोशीमठ में आई दरारों को रोको। अगर ऐसा कर सकते हैं, तो हम फूल बिछाकर उनको ले आएंगे, झुककर पलकें बिछाएंगे। देश की जनता चाहती है कि कोई चमत्कार हो। जो चमत्कार जनता की भलाई में हो, तो उसे हम नमस्कार करेंगे, नहीं तो ये छलावा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोई भविष्यवाणी की जा रही है, तो शास्त्र उसे मान्यता देता है। जो भी धर्मगुरुओं द्वारा कहा जाए, वो शास्त्र की कसौटी पर कसा हुआ होना चाहिए। मनमाना नहीं होना चाहिए। ऐसा है, तो हम उसे मान्यता देते हैं, लेकिन अगर मनमाना कह रहे हैं, तो गलत है।

धर्मांतरण करना-कराना दोनों राजनीति

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि देश में धर्मांतरण धार्मिक कारणों से नहीं हो रहा। ऐसे लोगों का उद्देश्य राजनीतिक है। इसका विरोध भी राजनीतिक कारणों से हो रहा है, क्योंकि उनके वोट बढ़ जाएंगे। इसमें धर्मांतरण करने और कराने वाले दोनों पॉलिटिकल हैं। इस क्षेत्र में चमत्कार दिखाइए। अगर आपके पास ऐसी कुछ शक्तियां आ गई हैं, तो धर्मांतरण, आत्महत्या, झगड़े-फसाद को रोक दें। राष्ट्र और जनता के लिए उपयोग हो, तो उसे हम मानेंगे। पिछले दिनों जबलपुर में दिए अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा था कि जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए थे तो उस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि मुसलमानों को अलग कर दिया जाए, क्योंकि वे अपनी धरती पर जाकर खुश रहेंगे। इसलिए भारत के टुकड़े किए गए थे और पाकिस्तान बनाया गया था। लेकिन, उस समय भी कुछ मुसलमान भारत में ही रह गए। यदि उन्हें यहां सुख और शांति की प्राप्ति हो रही है तो फिर पाकिस्तान बनाने की क्या आवश्यकता है। इसलिए एक बार इस मामले में पुनर्विचार किया जाए और फिर से अखंड भारत का निर्माण किया जाए। उन्होंने कहा था कि इसी देश में रहना और हिंदुओं के बीच रहना हिंदू और मुसलमान दोनों की नियति है तो फिर अलग देश की आवश्यकता नहीं है। इसलिए एक बार फिर से पाकिस्तान पर पुनर्विचार कर दोनों देशों को एक कर दिया जाए। इसमें कोई बहुत ज्यादा तकलीफ की बात नहीं है। केवल कागज पर दोनों देशों को अपनी सहमति देनी होगी। उन्होंने आगे कहा कि धर्मांतरण के पक्ष में बोलने वाले या विरोध करने वालों के पीछे धार्मिक कारण नहीं हैं। इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं।

इधर, शंकराचार्य सदानंद सरस्वती बोले- विरोध करने वाले बागेश्वर धाम गए क्या?

शनिवार को द्वारिका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती कटनी पहुंचे। यहां उन्होंने कहा – ‘जो लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वो कभी बागेश्वर धाम गए? क्या उन्होंने लोगों का भला करने के लिए दक्षिणा ली है, पैसा लिया? कोई ऐसा व्यक्ति, जिसको उन्होंने ठीक करने का वादा किया। कोई एग्रीमेंट किया? वो ठीक नहीं हुआ हो? ऐसा कुछ नहीं है। पहले विश्वास और अंधविश्वास में अंतर समझना पड़ेगा। अगर किसी देवी-देवता का आश्रय लेकर लोग ठीक हो रहे हैं, तो क्या गलत है? ये तो हमारी परंपरा है। क्या बागेश्वर महाराज ने पीला चावल भेजा क्या, फिर क्यों आए? ये आपकी श्रद्धा और विश्वास है। वे हजारों लोगों की भीड़ के सामने सिद्ध कर चुके हैं, तो फिर अंधविश्वास कैसे? इसका प्रमाण क्या है? हजारों लोगों को बागेश्वर धाम से लाभ हो रहा है। वहां जाने वाले लोग संतुष्ट होकर जा रहे हैं। नागपुर वाले हों या कोई हों, क्या वे वहां गए। अगर आपको जिज्ञासा है, तो आप जाइए। आरोप लगाना बहुत सरल है, लेकिन उसे सिद्ध करना कठिन है। बागेश्वर सरकार पर प्रश्न उठाने वाले हिंदू, सनातन धर्म विरोधी हैं। हिंदू ही हिंदू धर्म की निंदा करते हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं, वो नास्तिक हिंदू है।’

मंत्री ऊषा ठाकुर, हरदीप सिंह डंग ने भी किया समर्थन

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बाद अब धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का मध्यप्रदेश के दो मंत्रियों ऊषा ठाकुर और हरदीप सिंह डंग ने भी समर्थन किया है। संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर बाबा के अनन्य भक्त हैं। उन्हीं की कृपा से सब हो रहा है। वह मंत्र और प्रार्थना विज्ञान है। कुछ राष्ट्रद्रोही, वामपंथी उनके पीछे पड़े हैं। वहीं, हरदीप सिंह डंग ने कहा है कि हमें गर्व है कि ऐसे संत भारत की भूमि पर हैं।

मैहर विधायक बोले- श्याम मानव पर एफआईआर कराएंगे

सतना के मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर सवाल उठाने वाले श्याम मानव पर हमला बोला है। रविवार को उन्होंने कहा कि श्याम मानव लोगों को हिप्नोटाइज करता है। हिप्नोटिइज करने की ट्रेनिंग देता है। ऐसे लोग राक्षसी प्रवृत्ति के हैं। हम उसके खिलाफ थाने में केस दर्ज कराएंगे। जरूरत पड़ी तो कोर्ट तक जाएंगे।

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