छत्तीसगढ़कोरबा

राजस्व मंत्री जयसिंह ने कलेक्टर रानू साहू पर लगाया आरोप: कहा- विकास रोकने वाली है कलेक्टर, उच्च स्तरीय जांच की करेंगे मांग …

कोरबा । आपदा प्रबंधन एवं राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा कलेक्टर रानू साहू पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कोरबा जिले में एक सड़क का निर्माण रोके जाने से नाराज मंत्री ने यह तक कह दिया कि कलेक्टर जहां भी रही है उसने भ्रष्टाचार किया है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग होगी।

कोरबा में मेजर ध्यानचंद चौक से दर्री डैम तक बनी नई सड़क का उद्घाटन करने पहुंचे राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के तेवर बेहद गर्म थे। हरदी बाजार से इमली छापर तक की अधूरी सड़क से जुड़े एक सवाल पर मंत्री भड़क उठे।उन्होंने कहा, एसईसीएल ने कलेक्टर को फंड दे दिया है। अब कलेक्टर उसमें कुछ अलग से चाहत रखती हैं। उसमें उनका कोई निजी स्वार्थ होगा। इसीलिए वह काम को रोक रही हैं। लेकिन वह इसे ज्यादा दिन नहीं रोक पाएंगी। रोकेंगी तो उन्हें पछताना पड़ेगा।

मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कहा, हमारा प्रयास है कि पूरे कोरबा जिले की सड़कें बनें। फोरलेन-टू लेन। उस दिशा में हम सब लोग लगे हुए हैं। मुख्यमंत्री जी भी चाहते हैं पूरे प्रदेश की सड़के बनें। मुख्यमंत्री जी ने सड़क को स्वीकृत भी किया हुआ है। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने भी सड़कों को स्वीकृत किया है। कोरबा की स्थिति थोड़ी सी अलग है। पूरे प्रदेश के किसी भी जिले में कोई कलेक्टर सड़कों को रोकने का काम नहीं कर रहा है। केवल कोरबा जिले में कलेक्टर कर रही हैं। यह उसका निजी स्वार्थ है। वह क्या हासिल करना चाहती हैं यह जांच का विषय है। ज्यादा अड़ंगा सड़कों में लगाएंगी तो हम मुख्यमंत्री जी से उच्च स्तरीय जांच की मांग करेंगे। जयसिंह अग्रवाल कोरबा से ही विधायक भी हैं।

मंत्री जयसिंह अग्रवाल यहीं तक नहीं रुके। उन्होंने कहा, ‘कलेक्टर का आचरण भ्रष्ट है। वह भ्रष्टाचार में लिप्त रही है, चाहे वह बालोद की कलेक्टर रही हो, हेल्थ की डाइरेक्टर रही हो या फिर जीएसटी की कमिश्नर रही हो। अब वह कोरबा में भी वही काम करना चाहती है लेकिन हम बर्दाश्त नहीं करेंगे’।

बताया जा रहा है हरदी बाजार से इमली छापर की सड़क जिला खनिज न्याय और कंपनियों की CSR मद से बनाई जा रही है। इसके लिए एसईसीएल किश्त जारी कर चुका है लेकिन कलेक्टर इसे निर्माण एजेंसी को नहीं दे रही हैं। कलेक्टर की ओर से पहली किश्त की राशि का उपयोग के लिए प्रमाण पत्र मांगा गया है। बताया जा रहा है, निर्माण एजेंसी अभी तक यह उपलब्ध नहीं करा पाई है।

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