छत्तीसगढ़

पूर्व डिप्टी सीएम सिंहदेव को ज्ञापन सौंप परसा खदान को शुरू कराने और पीईकेबी के नियमित संचालन के लिए ग्रामीण हुए एकजुट….

उदयपुर. ग्रामीणों के ज्ञापन और आवेदनों में तत्कालीन मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं को ज्ञापन तो सौंपा ही है. साथ ही क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायकों को भी 12 दिसंबर 2023 को अंबिकापुर और सूरजपुर के विधायकों को 173 लोगों का आवेदन सौंपा था. इसके अलावा 6 दिसंबर 2023 को सरगुजा कलेक्टोरेट में 206 लोगों ने आवेदन दिया था. वहीं ज्ञापन प्राप्त करने के पश्चात सिंहदेव ने ग्रामीणों से कहा कि मैं वर्तमान में चल रही खदान पीईकेबी के साथ हूं, जबकि परसा कोल ब्लॉक से प्रभावित ग्रामीणों की सहमति के बाद ही मैं उनके साथ रहूँगा. उन्होंने इसके प्रभावित ग्रामों के लिए एक वोटर आईडी कार्ड के अनुसार वोटिंग कराने की बात कही. अब देखना यह है कि तत्कालीन उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव अपने पूर्व में दिए आश्वासन के साथ इन सभी ग्रामीणों की सालों पुरानी मांगों को पूरा कराने के प्रयास में कितना आगे आते हैं.

राजस्थान सरकार की सरगुजा जिले के उदयपुर ब्लॉक में स्थित परसा खदान को शुरू कराने और परसा ईस्ट कांता बासन (पीईकेबी) के नियमित संचालन के लिए स्थानीय ग्रामीण अब एकजुट हो गए हैं. इन दोनों परियोजनाओं के विषय में क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने सोमवार को ग्राम हरिहरपुर में पधारे पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता टीएस सिंहदेव से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा.

ग्रामीणों ने ज्ञापन में उनके क्षेत्र में आवंटित एक मात्र कोयला खदान पीईकेबी के नियमित संचालन और सालों से रुकी हुई परसा कोयला परियोजना को शुरू कराने उत्पन्न सभी व्यवधानों को खत्म कराने की बात कही है. इसके पूर्व में भी इन ग्रामीणों ने 10 दिसंबर 2021 को इंदौर में आयोजित भारत जोड़ों यात्रा में सांसद राहुल गांधी को 1208 लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन दिया था, जबकि 1 जून 2021 को रायपुर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 534 लोगों का हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपा था. इसके अलावा 8 मार्च 2022 को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को 60 लोगों का आवेदन और 3 नवंबर 2023 को 1732 लोगों का हस्ताक्षरित ज्ञापन तत्कालीन मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सौंपा गया था. इन सभी तारीखों में ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान टीएस सिंहदेव ने क्षेत्र में चल रही पीईकेबी खदान के सभी व्यवधानों को दूर करते हुए इसके नियमित संचालन का आश्वासन दिया गया था.

ग्रामीणों ने 25 दिसंबर 2023 को टीएस सिंहदेव काे सौंपे दो अलग-अलग ज्ञापनों में परसा कोल ब्लाक के सभी भूमि प्रभावित परिवार द्वारा परसा कोल ब्लॉक को शीघ्र चालू करवाने एवं बेरोजगारों को नौकरी दिलवाने की बात कही है. ज्ञापन में लिखा है कि,” हम सभी खाता धारक एवं प्रभावित ग्रामवासी साल्ही, जर्नादनपुर, फतेपुर, तारा एंव हरिहरपुर गांव के निवासी हैं और हमने राजस्थान राज्य विधुत उत्पादन निगम लिमिटेड को आबंटित परसा कोल ब्लॉक का भूमि का मुआवजा विगत दो वर्ष पूर्व ले चुके हैं, जमीन के मुआवजा के साथ-साथ हम लोगों का जमीन राजस्थान राज्य विधुत उत्पादन के नाम से ट्रांसफर हो चुका है, किंतु आज तक खदान का संचालन प्रारंभ नहीं हो सका है. इसके चलते हम प्रभावित ग्रामीणों को आज तक परियोजना में विगत दो वर्षो पश्चात भी नौकरी और अन्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ा है.

ज्ञापन में कहा गया है कि हम सभी प्रभावित ग्रामवासी दो वर्षों से लगातार शासन एंव परियोजना से नौकरी की मांग करते आ रहे हैं. इसके लिए हम लोग कई बार शासन / प्रशासन को मांग पत्र दे चुके हैं, परतुं आज तक प्रभावित भूस्वामियों को नौकरी नहीं मिल पाई है, जबकि परसा कोल ब्लॉक का सभी वैधानिक कार्यवाही पूर्ण होने के बाद भी शासन द्वारा जबरन खदान पर रोक लगाकर रखा गया है, जिसके कारण हमारी रोजी-रोटी एवं विकास प्रभावित हो रही है. अब हम लोग उस भूमि पर खेती किसानी तथा अन्य कुछ भी कार्य नहीं कर पा रहे हैं और न ही खदान खुल पा रहा है, जिससे हम लोगों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो गई है. हमारे बच्चों का भविष्य अधंकारमय होता जा रहा है.“

एक अन्य ज्ञापन में पीईकेबी परियोजना के सुचारू रूप से संचालन के लिए आगामी दस वर्षों के लिए भूमि उपलब्ध कराने के संबंध में ग्रामीणों के समूह ने टीएस सिंहदेव को लिखा है कि, “सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खण्ड में परसा ईस्ट एवं कांता बासन कोल खदान का संचालन विगत दस वर्षों से किया जा रहा है. इस खदान के प्रारंभ होने से खदान प्रभावित परिवारों के अलावा आसपास के स्थानीय लोगों के परिवार की रोजी-रोटी चलती है. हम आवेदकगण खदान प्रभावित परिवार के सदस्य व आसपास के ग्रामीण निवासी हैं और अधिकतर लोग खदान में नौकरी करके अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. खदान खुलने के पूर्व हम लोगों की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय थी एवं यहां पर रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव था, लेकिन जब से परसा ईस्ट एवं केते बासेन कोयला खदान चालू हुई है तब से हमारे क्षेत्र का सम्पूर्ण विकास होना शुरू हुआ है. इस खदान के खुलने से यहां पर रोजगार के अवसर में वृद्धि हुई है. खदान खुलने से इस क्षेत्र मे निःशुल्क व उत्कृष्ट शिक्षा के लिए कक्षा 11वीं तक अंग्रेजी माध्यम से सीबीएससी बोर्ड का स्कूल चल रहा है, जिसमें सैकडों बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. स्वास्थ्य सुविधा की व्यवस्था की गई है और आसपास के ग्रामों मे 24 घंटे एंबुलेंस की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाती है.“

ग्रामवासियों ने यह भी निवेदन किया कि आये दिन बार-बार खदान संचालन के लिए भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण खदान संचालन का कार्य प्रभावित हो जाता है, जिससे हम लोगों की रोजी-रोटी एवं विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. ऐसी स्थित पुनः निर्मित न हो इसके लिए परसा ईस्ट कांता बासन को सुचारू रूप से संचालन के लिए आगामी 10 वर्षों के लिए भूमि उपलब्ध कराया जाए. साथ ही राजस्थान राज्य विद्युत द्वारा ग्राम साल्ही मोड़ पर क्षेत्रवासियों के लिए सर्व सुविधायुक्त 100 बिस्तरों वाला अस्पताल खोला जाना प्रस्तावित है, लेकिन शासन / प्रशासन के की ओर से कोई पहल नहीं किये जाने से स्वास्थ्य सुविधा के लाभ से हम ग्रामवासी वंचित हैं.

स्थानीय ग्रामीणों, मुख्य रूप से आदिवासियों ने खदान को बंद करने के खिलाफ सक्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन किया है और विभिन्न स्तरों पर राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों को कई आवेदन सौंपे गए हैं. कई अवसरों पर प्रस्तुत किए गए इन अनुप्रयोगों का उद्देश्य खनन परियोजना के संभावित लाभों को बताना था, जिसमें क्षेत्र के लिए रोजगार के अवसर और व्यापक विकास संबंधी संभावनाएं शामिल थीं.

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