मध्य प्रदेश

एमपी में पोषण आहार वितरण में गड़बड़ी मामले को लेकर बबाल, सड़क पर उतरी कांग्रेस …

भोपाल। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र तय समय से दो दिन पहले ही गुरुवार को समाप्ती हो गया। पोषण आहार के मुद्दे पर शिवराज सरकार को सदन में घेरने में नाकाम रही कांग्रेस अब इसे लेकर सड़क पर उतर आई है। कांग्रेस विधायकों ने इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट की निगरानी में कराने की मांग को लेकर राजधानी में प्रदर्शन किया तथा कुशाभाऊ ठाकरे सभागार परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना दिया।

धरना स्थल पर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इतना बड़ा घोटाला हमने पहले कभी नहीं देखा है। हम इस मामले में राजनीति नहीं कर रहे हैं। महालेखाकार ने जो रिपोर्ट दे दी है, हम उसके हवाले से ही बात कर रहे हैं। पोषण आहार के उत्पादन और खपत में अंतर को रिपोर्ट में बताया गया है। सरकार महालेखाकार की रिपोर्ट के परीक्षण में होने की बात कह रही है। जबकि, महालेखाकार एक-एक चीज को अपनी रिपोर्ट में बंद कर चुके हैं। पार्टी ने तय किया है कि इस मामले को लेकर गांव- गांव जाएंगे और इस गड़बड़ी को उजागर करेंगे। वहीं, मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ओमकार सिंह मरकाम ने कहा कि सरकार जानती थी कि रिपोर्ट में जो बातें उजागर की गई हैं, वे सही हैं इसलिए उसने इस मुद्दे पर सदन में चर्चा ही नहीं कराई। आदिवासी विकास के नाम पर बड़ा खेल हो रहा है। कांग्रेस विधायक पांचीलाल मेडा जब सदन में सरकार के भ्रष्टाचार को उठाने जा रहे थे तो उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया।

कमलनाथ का बड़ा आरोप, बोले- सैकड़ों घोटालों में पोषण आहार घोटाला ‘घोटालों’ का सरताज हैं

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भाजपा सरकार के 17 सालों में जितने भी घोटाले हुए, उन घोटालों में पोषण आहार घोटाला ‘घोटालों’ का सरताज है। कमलनाथ ने एक बयान जारी कर कहा कि मध्यप्रदेश में महिला बाल विकास विभाग के तहत पूरक पोषण आहार कार्यक्रम में 6 माह से 3 साल के दुधमुंहे बच्चों, गंभीर रूप से कुपोषित और कमजोर बच्चों, गर्भवती बहनों, धात्री माताओं और स्कूल छोड़ चुकी किशोर युवतियों के लिये टेक होम राशन योजना संचालित है, ताकि बच्चों और माताओं-बहनों को जीवन के लिए आवश्यक खाद्य सामग्री सुनिश्चित हो सके। सौदा करके बैठी शिवराज सरकार ने योजना में हजारों करोड़ रूपये का घोटाला किया है। भाजपा सरकार की 17 वर्ष से चल रही ‘घोटाला बेब सीरीज’ में अब शिवराज सरकार पोषण आहार घोटाला लेकर आम जनता के सामने खड़ी है।  कमलनाथ ने कहा कि पोषण आहार घोटाले को सरल शब्दों में इस प्रकार समझा जा सकता है कि ‘जापे के जो लड्डू कभी बनाये ही नहीं गये, वो शिवराज सरकार ने माताओं और बहनों को सरकारी रिकार्ड में बांटना बताए हैं’, ‘स्कूल न जाने वाली जो किशोरी-युवतियां गांवों में हैं ही नहीं, उनको भी सरकार ने घर-घर जाकर बरफी बांट दी। ‘सैकड़ों-हजारों क्विंटल लड्डू और बरफी शिवराज सरकार ने मोटर साईकिल, टेंकर और ऑटो से गांव-गांव पहुंचाने का असम्भव काम करना सरकारी रिकार्ड में बताया है। सीधा मतलब है लड्डू-बरफी कोई और ही खा गया। उन्होंने कहा कि ‘सरकारी रिकार्ड में जो हलवा, खिचड़ी, बरफी और लड्डू बांटना बता दिया गया है, वो न तो कभी आंगनबाड़ी केन्द्र पहुंचा और न ही कभी बंटा। सबसे बड़ी बात ‘जो थोड़ा बहुत लड्डू-बरफी बना वह भी घटिया सामग्री से घटिया ही बनाया गया। कुल मिलाकर माताओं-बहनों और बच्चों को यदि कुछ मिला होगा तो वह भी सबसे घटिया ही मिला होगा।’यह है शिवराज सरकार की पोषण आहार योजना।

प्रदेश के गृहमंत्री बोले- कमलनाथ सरकार में हुआ पोषण आहार घोटाला

इधर प्रदेश के गृहमंत्री ने कहा कि पोषण आहार घोटाला कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के समय का है। किस तरह से उन्होंने ठेकेदारों को इसमें घुसाया। इसलिए उन्होंने विधानसभा सत्र में हल्ला मचाया। कांग्रेसी धरने पर नहीं पश्चाताप करने जा रहे हैं। वह राष्ट्रपिता के सामने प्रायश्चित करने जा ही रहे हैं तो मेरी उनसे प्रार्थना है कि राहुल गांधी के नाम से भी प्रायश्चित कर लें,  जो किसानों से झूठ बोला कि दो लाख का कर्जा 10 दिन में माफ कर देंगे। उन नौजवानों से भी प्रायश्चित कर लें, जिनसे चार हजार रुपए महीना बेरोजगारी भत्ता देने का झूठ बोला गया था।

कांग्रेस पर आरोप लगाकर बीजेपी अपने ही नेता को घेर रही

बीजेपी के नेता लगातार कांग्रेस सरकार के समय पोषण आहार घोटाला होने की बात कह रहे हैं। ऐसे में वे अपनी ही पार्टी की नेता को घेर रहे हैं। एजी रिपोर्ट ने वर्ष 2018 से 2021 तक पोषण आहार वितरण पर सवाल उठाए हैं। इस दौरान कांग्रेस की सरकार भी थी और कांग्रेस सरकार के समय महिला एवं बाल विकास विभाग की मंत्री इमरती देवी थीं, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 2020 में बीजेपी में शामिल हो गई थीं। उपचुनाव में इमरती देवी की हार के बाद से महिला एवं बाल विकास विभाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है।

यह है मामला

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश ऑडिटर जनरल की 2018 से 2021 की रिपोर्ट में 8 जिलों में पोषण आहार के उत्पादन, वितरण, परिवहन और गुणवत्ता में अनियमितता पाई गई। इसमें ट्रक बताकर बाइक, ऑटो में राशन का परिवहन किया गया। बिना क्षमता के संस्थाओं ने अत्यधिक वितरण किया गया, शाला त्यागी बालिकाओं की संख्या को लाखों में बताकर कागजों में पोषण आहार बांटने जैसी अनियमितताएं भी सामने आई हैं। इस रिपोर्ट को सरकार ड्राफ्ट रिपोर्ट बता रही है, लेकिन अब सरकार के मंत्री की तरफ से कमलनाथ सरकार में घोटाला होने की बात कहकर फिर मुद्दे को गरमा दिया है। फिलहाल सरकार ने सभी 8 जिलों को रिपोर्ट बनाकर एजी को भेजने के निर्देश दिए हैं।

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