मध्य प्रदेश

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोली- वसुधैव कुटुंबकम भारत का मंत्र, प्रवासी भारतीयों ने देश का नाम रोशन किया

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 27 प्रवासी भारतीयों को किया सम्मानित, कहा- देश में आत्‍मनिर्भर भारत की द‍िशा में काम हो रहा

इंदौर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्र में भारतीय एक ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा समुदाय है। यहां तक कि विश्व की लीडरशिप पोजिशन पर भी है। कठिन परिश्रम से हमने जीवन के हर क्षेत्र में चुनौतियों के बीच उपलब्धियां हासिल की हैं। कला, साहित्य, व्यापार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी हर क्षेत्र में सफलताएं प्राप्त की है। भारत और भारत के बाहर की उपलब्धियों की प्रशंसा के लिए ये मंच नहीं है। बल्कि ये भारत के उस विश्वास को परिलक्षित करता है जिसमें ये विश्वास समाहित है कि हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों को सम्मान मिला उन्हें शुभकामना देती हूं और कामना करती हूं कि ये भविष्य में आपको महान उपलब्धियों के लिए प्रेरित करेगा। अंतिम दो दशक में प्रवासी भारतीय सम्मेलन आपके और भारत के बीच संवाद का बेहतर माध्यम बनकर उभरा है।

राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इंदौर में आयोजित तीन दिवसीय 17वें प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह काे संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने विश‍िष्‍ट हस्तियों को सम्‍मानित भी किया। सम्‍मान समारोह के बाद उन्‍होंने अपने संबोधन में कहा कि वे इस समारोह में आकर प्रसन्‍न हैं। उन्‍होंने आयोजन की तारीफ की और गुयाना और सूरीनाम के राष्‍ट्रप‍ति की इस आयोजन में मौजूदगी को लेकर भी खुशी व्‍यक्‍त की। राष्‍ट्रपति ने कहा कि यह आयोजन काफी महत्‍वपूर्ण है। उन्‍होंने प्रवासी भारतीय सम्‍मेलन की सराहना की।

राष्ट्रपति बोलीं- आपकी सफलता की बदौलत विदेशी धरती पर भारत की पहचान बन रही

राष्‍ट्रप‍त‍ि ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रवासी भारतीयों ने अपनी कड़ी मेहनत से देश का नाम रोशन किया है। उन्‍होंने कहा कि प्रवासी भारतीय एक यूनिक प्लेटफार्म है। आप लोगों से 3 दिन हुई चर्चा हमारे लिए अमूल्य है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीय अलग-अलग देशों में बेहतरीन कार्य कर रहे हैं। उनकी सफलता की बदौलत विदेशी धरती पर भारत की पहचान बन रही है। उन्‍होंने कहा कि देश को आजाद हुए 75 साल पूरे हो चुके हैं। इसे अमृत महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। सरकार ने अगले 25 साल में विकास करने को लेकर रूपरेखा बनाई है, जिसमें भारत को मजबूत किया जाएगा। इसमें प्रवासी भारतीय भी अपना योगदान देकर देश को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। राष्‍ट्रप‍त‍ि ने यह भी कहा कि भारत पूरी दुनिया को पर‍िवार मानकर काम कर रहा है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सूरीनाम के राष्ट्रपति से भेंट की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने गुयाना के राष्ट्रपति से भेंट की।

राष्ट्रपति मुर्मू ने सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति से की भेंट

राष्ट्रपति ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में उन्‍होंने सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी और गुयाना के राष्‍ट्रपत‍ि मोहम्मद इरफान अली से मुलाकात की। सम्मेलन में राष्ट्रपति प्रवासी भारतीय अवार्ड से सम्मानित होने वाले मेहमानों काे सम्मानित भी किया। सम्मेलन के समापन पर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन ने आभार व्यक्त किया। पूर्व में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने स्‍वागत भाषण दिया। उन्‍होंने कहा कि इस समारोह में राष्‍ट्रपति की मौजूदगी से सब गौरवांवित हैं। उन्‍होंने कहा कि यह आयोजन सफल रहा। प्रवासी भारतीयों की वजह से देश की पहचान विश्‍व मंच तक पहुंचती है। राष्‍ट्रपति के साथ गुयाना और सूरीनाम के राष्‍ट्रप‍त‍ि भी समारोह में मौजूद रहे। समारोह में स्विट्जरलैंड की प्रवासी भारतीय अर्चना शर्मा ने भी संबो‍ध‍ित क‍िया। विज्ञानी अर्चना शर्मा जेनेवा में कार्यरत हैं।

भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता : सिंधिया

अपने संबोधन में केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य स‍िंंध‍िया ने कहा कि इस मौके पर मां अ‍ह‍िल्‍या की नगरी में वे सबका तहेद‍िल से स्‍वागत करते हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत का कोई भी सपूत कहीं भी रहे वो भारत से जुदा नहीं हो सकता। उन्‍होंने कहा कि हमें विश्वास है कि यहां सबको अतुल्‍य संगम का अहसास हुआ है। किसी व्यक्ति की पहचान उसकी माटी और शरीर से होती है। 21 साल बाद हो रहा आयोजन तारीख तक सीमित नहीं है। यह प्रवासी भारतीयों को सशक्त करने की कोशिश है। इसके माध्‍यम से भारत और भारतीयों को उभारने का प्रयास किया गया। उन्‍होंने इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी और विदेश मंत्री जयशंकर का उल्‍लेख भी किया। सिं‍ध‍िया ने कहा कि आपकी साझेदारी भारत को आत्मनिर्भर बनाने में बहुत अहम है। रोमानिया में मैंने देखा था विकट हालात में प्रवासी भारतीय मदद में जुटे थे। भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता। आज भारत विश्व में 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनी है। 2030 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगी। आप सीखें, कमाएं और वापस लौटाएं। सिंधिया ने कहा कि भारत को उभारने में प्रवासी भारतीय की अहम भूमिका है। देश की जनसख्या 135 करोड़ नहीं है, बल्कि उसके भी आगे है। अलग-अलग देशों में रहने वाले 3 करोड़ भारतीय दुनिया में देश को पहचान दिला रहे हैं। उनकी भागीदारी की वजह से भारत विकसित हुआ है, आत्मनिर्भर बना है। इन प्रवासी भारतीयों को पिरोने का काम देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। वे बताते हैं कि युद्ध के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने में प्रधानमंत्री ने दिन-रात एक कर दिया था। लोगों को जिम्मेदारी देकर भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला था। उन्‍होंने भारत माता की जय के साथ अपना संबोधन समाप्‍त किया।

एनआरआई सम्मेलन के समापन के अवसर पर सीएम शिवराज ने हाथ जोड़कर माफी मांगी।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्दौर में 17वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित किया।

श‍िवराज बोले- बेटी की शादी जैसी तैयारी की, जब तुम चले जाओगे याद बहुत आओगे

मुख्‍यमंत्री श‍िवराज सिंह चौहान ने अपने संबोधन में सबका स्‍वागत किया। उन्‍होंने कहा कि आज समारोह के समापन पर वे भावुक हैं। इंदौर ने बेटी की शादी जैसी तैयारी की और जब बेटी की व‍िदाई होती है तो मन में तकलीफ होती है। समारोह में तीन-तीन राष्‍ट्रप‍त‍ि की मौजूदगी से हम गौरवांवित हैं। श‍िवराज ने कहा कि इंदौर जनभागीदारी और जनसहयोग की राजधानी हैं। ग्लोबल गार्डन में लगाये पेड़ से प्रेम के बंधन में बांधा है। उन्‍होंने यहां सम्‍मानित होने वाले लोगों को बधाई दी। श‍िवराज ने बेटियों का महत्‍व बताने के साथ लाड़ली लक्ष्‍मी योजना की जानकारी दी। उन्‍होंने इस अवसर पर मध्‍य प्रदेश की व‍िकास यात्रा का उल्‍लेख किया। सीएम ने प्रवासी भारतीयों से कहा मप्र लगातार आगे बढ़ रहा है। जाते-जाते निवेदन है कि मप्र को भूलना मत। निवेश में योगदान देना। आपको निवेश नहीं करना हो तो दूसरों से करवाएं। वर्ष में एक बार अपने शहर अवश्‍य आएं और अपना योगदान विकास में दें। हम आपको चीता देखने जरूर बुलाएंगे। अफ्रीका से और चीते मध्‍य प्रदेश में आएंगे। श‍िवराज ने कहा कि विदाई की बेला है, जब तुम चले जाओगे याद बहुत आओगे। तुम बिन लगेगा राजवाड़ा, छप्पन सूना-सूना। किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी। श‍िवराज ने भारतीय छात्र-छात्राओं के ल‍िए व‍िदेश में हेल्‍प डेस्‍क के साथ मध्‍य प्रदेश में फ्रेंड्स आफ एमपी पोर्टल की जानकारी भी दी। सीएम शिवराज सिंह ने दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर प्रवासी भारतीयों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए।

भारत ग्लोबल ग्रोथ का सबसे पावरफुल इंजन : वित्त मंत्री सीतारमण

इससे पहले महिला प्रवासियों के लिए हुए दूसरे सेशन में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा- भारत ग्लोबल ग्रोथ का सबसे पावरफुल इंजन है। पिछले साल की तरह इस साल भी हमारी इकोनॉमी सबसे तेजी से बढ़ेगी। वित्त मंत्री ने कहा- जो निवेशक चीन में निवेश करना चाहते हैं, वे भारत को बड़े प्लेटफॉर्म के रूप में देख सकते हैं। चाइना प्लस वन कंट्री के रूप में भारत को देख सकते हैं। ये ईयर ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाया जा रहा है। रागी, चावल, बाजरे से हम स्वस्थ भारत का निर्माण कर रहे हैं। भारत वसुधैव कुटुम्बकम की थीम पर आगे बढ़ रहा है। अमृत महोत्सव के अमृतकाल में हिस्सा लीजिए।

सैन्य शक्ति से नहीं, इंटलेक्चुअल ताकत से भारत फिर बनेगा विश्वगुरू : धर्मेंद्र प्रधान

केंद्रीय स्किल डेवलपमेंट और इंटरप्रेन्योर मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि चौथी सदी में ही उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने ग्रहों की गणना कर दी थी। वाराह मिहिर, ब्रह्मगुप्त, भास्कराचार्य जैसे विद्वानों ने ग्लोबल मैप की परिकल्पना कर ली थी। ये हम सब मानते हैं, भारत विश्वगुरु था। फिर विश्व गुरु बनेंगे पर सैन्य शक्ति से नहीं, इंटलेक्चुअल ताकत से बनेंगे। हम अब जब भी विश्वगुरु बनने की बात करते हैं तो हमारी बातों में सैन्य ताकत से विश्व गुरु बनने की बात कहीं नहीं होती। इसमें इंटलेक्चुअल ताकत की बात करते हैं। इस सोच से नवाचार आता है। आप सब अनुभव करते होंगे कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कुछ उत्पादकों के उत्पाद अप टू मार्क नहीं होते। ऐसे में इस 21वीं सदी में हमारा रोल महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रधानमंत्री ने नई एजुकेशन पॉलिसी लागू की है। इससे भारत ग्लोबल मैनपॉवर बनाने वाला देश बनेगा। प्रधान ने भारतीय उत्पादों और मैनपॉवर की क्वालिटी की बात करते हुए कहा, पड़ोस के देशों के माल के बारे में आज ये पूरी दुनिया के लोग चिंतित रहते हैं। कोविड के समय हमने देखा ग्ल्व्स, पीपीई किट आए, वे वैसे ही वापस कर दिए गए। भारत में ऐसे नहीं होता है। कोरोना के समय हम पीपीई किट नहीं बनाते थे आज हम इसके एक्सपोर्टर बन गए। हमें गेहूं खरीदना पड़ता था, पर अब हम एक्सपोर्ट करते हैं। कोरोना के समय 140 में से 40 देशों को मुफ्त में दवा सप्लाय की, ये भारत की ताकत है।

इन्हें नवाजा वर्ष 2022 के प्रवासी भारतीय सम्मान से

  • डॉ. मोहम्मद इरफान अली, गुयाना के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति, गुयाना
  • डॉ. अमल कुमार मुखोपाध्यायो, आंत्रप्रेन्योर व साइंटिस्ट, जर्मनी
  • अशोक कुमार तिवारी, फाउंडर, शयाना फार्म, एलीएलसी, उज्जबेकिस्तान
  • डॉ. देवनचंद्रभोस शरमन, डॉक्टर और राजनीतिज्ञ, सूरीनाम
  • प्रोफेसर संजीव मेहता, अर्थशास्त्र के प्रोफेसर, भूटान
  • डॉ. वैकुंटम अय्यर लक्ष्मणन, शिक्षाविद, वैज्ञानिक और अन्वेषक, कनाडा
  • प्रो. जगदीश चेन्नुपति, भौतिकी के प्रोफेसर, ऑस्ट्रेलिया
  • डॉ. राजगोपाल, बिजनेस स्कूल में मार्केटिंग के प्रोफेसर, मेक्सिको
  • शिवकुमार नदेसन, चेयरमैन, प्रेस इंस्टिट्यूट श्रीलंका, श्रीलंका
  • संजय कुमार शिवभाई पटेल, एमडी, जोआईटी सुपर मार्केट श्रृंखला, दक्षिणी सूडान
  • डॉ. एलेक्जेंडर मलाइकेल जॉन, विशेषज्ञ डॉक्टर और लेक्चरर, ब्रूनेई
  • डॉ. कन्नन अम्बलम, मैनेजमेंट के असिसटेंट प्रोफेसर. इथियोपिया
  • राजेश सुब्रमण्यम, प्रेसिडेंट, सीईओ और डायरेक्टर, फेडेक्स कॉर्पोरेशन, अमेरिका
  • अमित लाठ, शारदा ग्रुप ऑफ कंपनीज के सीईओ व एमडी, पोलैंड
  • चंद्रकांत बाबूभाई पटेल, लंदन के जाने माने बिजनेसमैन, यूके
  • प्रो. दिलीप लौंडो, फिलॉसफी के प्रोफेसर, ब्राजील
  • सिद्धार्थ बालचंद्रन, बिजनेसमैन, फाउंडर बुइमर्क ट्रेडिंग कंपनी, यूएई
  • डॉ. दर्शनसिंह धालीवाल, भारतीय अमेरिकी बिजनेसमैन, अमेरिका
  • परमानंद सुखुमल दासवानी, मानद वाणिज्य दूत, रिपब्लिक ऑफ कांगो
  • डॉ. अर्चना शर्मा, सीनियर साइंटिस्ट, जिनेवा सीईआरएन लैब, जिनेवा, स्विट्जरलैंड
  • रीना विनोद पुष्करणा, सेलिब्रिटी शेफ और आंत्रप्रेन्योर, इजराइल
  • मोहनलाल हीरा, गांधी वाक समिति के अध्यक्ष और संस्थापक सदस्य, दक्षिण अफ्रीका
  • मकसूदा सरफी श्योतानी, प्रोफेसर, कोमात्सु यूनिवर्सिटी, जापान
  • जोगिंदर सिंह निज्जर, अध्यक्ष, क्रोएशियन इंडियन सोसाइटी, क्रोएशिया
  • न्यायमूर्ति फ्रेंक आर्थर सीपरसाद, न्यायमूर्ति, सुप्रीम कोर्ट, टीएंडटी, त्रिनिडाड एंड टोबैगो
  • पीयूष गुप्ता, सीईओ और डायरेक्टर, डीबीएस ग्रुप, सिंगापुर
  • प्रो. रांजी प्रसाद, फ्यूचर टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर, डेनमार्क

प्रवासी भारतीयों ने मुख्यमंत्री शिवराज के साथ लगाए पौधे

प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने आए विदेशी मेहमानों ने शहर के ग्लोबल गार्डन में पौधारोपण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रवासी भारतीयों के साथ पौधे लगाए। इस दौरान शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी मौजूद थे। प्रवासी भारतीयों ने यहां पौधे लगाने के साथ ही देश और इंदौर की जमकर सराहना की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने रुद्राक्ष का पौधा लगाया।

इंदौर आने पर राज्यपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत कर की अगवानी।

इंदौर आने पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अगवानी की।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रवासी सम्मेलन में आए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की।

 

Back to top button