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दीपक पांचाल के आतिथ्य में फरीदाबाद में काव्य सम्मेलन व गोष्ठी का आयोजन

नई दिल्ली। फरीदाबाद में “साहित्य अर्पण हिन्दी साहित्यिक-एक पहल” के सौजन्य से भावना सागर बत्रा दीदी के संयोजन में काव्य सम्मेलन एवं व्यंग्य वाचन गोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं कवि दीपक पांचाल और विशिष्ट अतिथि सौम्या दुआ के उपस्थिति में संपन्न हुआ।

संगोष्ठी का शुभारंभ उपस्थित लेखक, साहित्यकार, कवि ने सामूहिक रूप से मां शारदे को नमन करते हुए दीपक प्रज्वलित किया एवं पूजा और स्नेहा ने नृत्य प्रस्तुत किया।

मंच संचालन राजीव साहिर कर रहे थे, राजीव साहिर भले ही आंखों से देख नहीं सकते लेकिन उनके बारे में जितना कहा जाए उतना ही कम है। पहले उन्होंने हिन्दी भाषा के प्रसार को लेकर बात की फिर उन्होंने व्यंग्य और हास्य की परिभाषा और स्पष्टता बताते हुए हम सब श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हम उनके व्यंग्य को सुनते और अनुभव करते-करते एक अलग ही दुनिया से जुड़ गए थे।

काव्यपाठ की शुरुआत मिथिलांचल, बिहार से युवा व्यंगकार एवं कवि “कुमार साहित्य” (राजन कुमार साह ‘साहित्य’) ने काव्य-व्यंग “नेताओं से यारों होता गदहा महान है” से शुरू किया। उसके बाद श्रृंगार की कुछ पंक्तियां सुनाकर अपना काव्यपाठ पूर्ण किए। उसके बाद क्रमानुसार पं.संजीव शुक्ल सचिन, पारूल जिंदल, मिनाक्षी पांचाल, विकास आदर्श, रत्नेश अवस्थी, सईद बाबर, गुरमीत सिंह, अंकित रोहिला, रंजीत शर्मा,  मनीष जैन आदि ने काव्य पाठ किया।

मोहित मुलिया द्विवेदी ने एक कहानी अपने संस्मरण से सुनाया संस्मरण के एकदम बाद उन्होंने एक मार्मिक कविता सुनाकर गोष्ठी में उपस्थित श्रोताओं को भावुक कर दिया। कवि रत्नेश अवस्थी के विशेष आग्रह पर भावना दीदी ने पिता पर आधारित रचना प्रस्तुत की तथा भावना दीदी द्वारा सभी स्थानीय कवियों की कविताओं पर सकारात्मक, समीक्षात्मक टिप्पणियां देने के बाद गोष्ठी का आयोजन समाप्त हुआ।

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