मध्य प्रदेश

एमपी के 25 हजार से अधिक मंदिरों में 11 अक्टूबर को लाइव दिखाया जाएगा पीएम का भाषण और महाकाल लोक का लोकार्पण …

भोपाल। उज्जैन में ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण इवेंट को शिवराज सरकार एक बड़े उत्सव के रूप में मना रही है। 856 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित महाकाल कॉरिडोर (महाकाल लोक) का पीएम का ‘अमृत सिद्धि योग’ में 11 अक्टूबर को शाम 6.30 बजे लोकार्पण करेंगे। इस दिन प्रदेशभर के करीब 25 हजार मंदिरों में दीप सज्जा और भजन-कीर्तन होंगे। इससे पहले पीएम ने यूपी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण रेवती नक्षत्र में तथा अयोध्या में राम मंदिर का भूमिपूजन भी अभिजीत मुहूर्त में किया था। दो से बढ़कर 20 हेक्टेयर में विस्तार ले रहा महाकाल परिसर उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (5 हेक्टेयर) से चार गुना बड़ा है।

महाकाल लोक के लोकार्पण इवेंट को प्रदेश के गांवों के लोग लाइव देख सकेंगे। गांवों में भी बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई जाएंगी। सबसे ज्यादा फोकस शिव मंदिरों की ओर रहेगा। बीजेपी भी इस दिन कार्यक्रम आयोजित करेगी। उज्जैन में 6 अक्टूबर से ही उत्सव मनाया जा रहा है। यहां 300 मंदिरों की रंगाई-पुताई का काम किया जा रहा है। जिले की सभी पंचायतों के प्रमुख मंदिरों को सजाया जा रहा है।

कुल मिलाकर यूं कहें कि दिवाली 24 अक्टूबर को है, लेकिन मध्यप्रदेश में दिवाली जैसी रौनक 13 दिन पहले यानी 11 अक्टूबर को भी रहेगी। प्रदेश में 23 हजार से अधिक सरकारी मंदिर व ट्रस्ट हैं। 2 हजार से ज्यादा मंदिरों की देखरेख निजी स्तर पर की जाती है। इन मंदिरों में 11 अक्टूबर की शाम 5 बजे दीप प्रज्ज्वलन किया जाएगा। वहीं, पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन भी किए जाएंगे। मंदिर परिसर या आसपास टीवी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी, ताकि लोग पीएम के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख सकें।

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्र में संबंधित निकाय को स्क्रीन या प्रोजेक्टर की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं, गांवों में पंचायत स्तर से टीवी स्क्रीन की व्यवस्था की जाएगी। यदि पंचायत में एक ही टीवी स्क्रीन है और गांव अधिक हैं, तो आम लोगों की मदद से स्क्रीन लगाई जाएगी। मंदिरों की सफाई का जिम्मा समिति या पुजारियों पर रहेगा। निकाय और पंचायतें भी सफाई करवाएंगी।

राजधानी भोपाल के सभी मंदिरों में स्क्रीन लगाने निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने इस संबंध में बैठक लेकर सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने बताया कि मंदिरों की साफ-सफाई, रंगाई-पुताई और रोशनी भी की जाए। प्रत्येक मंदिरों में वाद्य यंत्र व रंगोली सजाई जाए। दोपहर 4 बजे से मंदिरों में शंखनाद किया जाए। झंडे, बैनर, से प्रचार-प्रसार हो। मंदिरों में भजन मंडलियों की प्रस्तुति, प्रभात फेरी और हवन किए जाए। अफसरों से उन्होंने कहा कि एक वॉट्सएप ग्रुप भी क्रिएट किया जाए, जिसमें मंदिरों से जुड़े वीडियो और फोटो अपलोड किए जाएं।

महाकाल लोक के लोकार्पण के ऐतिहासिक क्षण की देश-प्रदेश के साथ गांव की जनता भी साक्षी बनेगी। कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए उज्जैन जिले की 609 पंचायतों के एक प्रमुख मंदिर में साफ-सफाई, रंग-रोगन कराने के साथ ही मंदिर में सजावट और विद्युत रोशनी करने के निर्देश दिए हैं। ग्राम पंचायतों के मंदिरों में काम शुरू भी हो गया है। शहर में के रामघाट और नृसिंह घाट क्षेत्र में एलईडी लगाई जाएगी, जिससे लोग कार्यक्रम का प्रसारण देख सकें।

‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण समारोह का साक्षी इंदौर भी बनेगा। इस दिन सभी मंदिरों और धार्मिक संस्थानों में कार्यक्रम होंगे। पूरा इंदौर भक्ति, उल्लास और उमंग से सराबोर रहेगा। कार्यक्रम आयोजन की तैयारियों को लेकर गुरुवार को रवींद्र नाट्य गृह में विभिन्न मंदिरों के संचालकों, धर्मगुरुओं और धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक हुई। बैठक कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देशानुसार आयोजित की गई। इसमें सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सभापति मुन्नालाल यादव, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, नगर निगम आयुक्त सुप्रतिभा पाल समेत संबंधित विभागों के अफसर और पार्षद भी मौजूद थे।

सांसद लालवानी ने कहा कि महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर को मिलाकर इंदौर के आस-पास के क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन सर्किट बनाने के प्रयास किए जाएंगे। बताया गया कि 11 अक्टूबर के पहले गांवों के मंदिरों के आस-पास के क्षेत्र में 2 दिन पूर्व से प्रभातफेरी निकाली जाएगी। सभी गांवों में महाकाल लोक से संबंधित फ्लेक्स, होर्डिंग लगाए जाएंगे। साथ ही, सभी मंदिरों में साफ-सफाई के साथ रोशनी की जाएगी।

प्रोजेक्ट के लोकार्पण के अवसर पर उज्जैन समेत प्रदेश के सभी जिलों में प्रमुख मंदिरों की साज-सज्जा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि महाकाल कॉरिडोर का लोकार्पण श्रद्धा का विषय है। इसमें शहर के प्रत्येक परिवार को आमंत्रण पत्र दिया जाएगा। सभी घरों और दुकानों में रोशनी की जाएगी। प्रमुख चौराहों और सड़कों पर विशेष साज-सज्जा होगी। महत्वपूर्ण जगह रंगोली भी बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री ने 13 दिसंबर 2021 को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण किया था। तब प्रधानमंत्री का कार्यक्रम दिखाने के लिए शहर में कई जगह बड़ी स्क्रीन्स लगाई गई थी। हालांकि, तब भी खास तौर पर मंदिरों में इस कार्यक्रम को दिखाने जैसा इंतजाम नहीं किया गया था। इस लिहाज से यह देश में पहली बार है जब प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को मंदिरों में दिखाने के लिए बाकायदा सरकारी आदेश जारी किया गया है।

महाकाल कारीडोर प्रोजेक्ट के पहले चरण के कामों को लगभग फाइनल टच दिया जा चुका है। इसमें महाकाल पथ, महाकाल वाटिका, रुद्रसागर तालाब के किनारे का डेवलपमेंट शामिल है।

प्रोजेक्ट 2 तरह से तस्वीर बदलेगा। पहला- दर्शन आसान होंगे। दूसरा- दर्शन के साथ लोग धार्मिक पर्यटन भी कर पाएंगे। कैंपस में घूमने, ठहरने, आराम करने से लेकर तमाम सुविधाएं होंगी।

उज्जैन में महाकाल लोक में आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव की महिमा और उनकी कथाएं सुनने को मिलेंगी। यानी यहां मूर्तियां स्वयं शिव महिमा सुनाएंगी। भक्त इन्हें अपने मोबाइल पर ही सुन सकते हैं। ये कथाएं ऑडियो फॉर्मेट में होंगी। इसके लिए ‘उमा’ नाम का एप डाउनलोड करना होगा। इसके लिए म्यूरल और स्कल्प्चर पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा।

पौराणिक कथा के अनुसार दूषण नामक असुर से मानव की रक्षा के लिए महाकाल प्रकट हुए थे। असुर के वध के बाद भक्तों की प्रार्थना पर बाबा ज्योतिर्लिंग के रूप में यहां विराजमान हुए। इसके बाद रानाजीराव शिंदे ने 1736 में मंदिर का निर्माण करवाया। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के रूप में शिव विराजित हैं। मंदिर के 3 भाग हैं, सबसे नीचे गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग है। भगवान शिव के साथ यहां माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय विराजमान हैं। बीच वाले हिस्से में ओंकारेश्वर मंदिर और सबसे ऊपर नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है। महाकाल ही एकमात्र मंदिर है, जहां भस्मारती होती है।

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