मध्य प्रदेश

एक सप्ताह में पन्ना की खदानों ने बदली 10 लोगों की किस्मत, निकले 16 हीरे …

भोपाल। मध्यप्रदेश का पन्ना जिला अपने बेशकीमती हीरों के लिए विश्व विख्यात है। बीते कई वर्षों से इस जिले की रत्नगर्भा धरती लोगों की किस्मत चमका रही है। हाल ही में नोएडा के एक मटेरियल सप्लायर को पन्ना की हीरा खदान में करीब 40 लाख रुपये कीमत का बेशकीमती हीरा मिला है। बीते एक सप्ताह की बात करें तो अब तक करीब 10 लोगों को खदान से 16 कीमती हीरे मिले हैं।

पन्ना जिले की खदानों से 29 सितंबर से लेकर 4 अक्टूबर तक 10 लोगों को 16 हीरे मिले हैं, जिनका कुल वजन 45.5 कैरेट है। अब तक निकले सभी हीरों की कीमत करीब एक करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है। पन्ना में बीते 28 और 29 सितंबर को 35.86 कैरेट के 15 हीरे निकले थे, जिनकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये आंकी गई थी, वहीं चार अक्टूबर को नोएडा के मटेरियल सप्लायर को 9.64 कैरेट का हीरा मिला है, जिसकी कीमत 40 लाख के आसपास बताई जा रही है।

हीरा कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक बुंदेलखंड क्षेत्र में पन्ना की उथली खदानों में पिछले दिनों (28 और 29 सितंबर को) लोगों ने 15 हीरों का खनन किया है। जिनमें मजदूर प्रकाश मजूमदार, कल्लू सोनकर, राजेश जैन, राहुल अग्रवाल, राजाबाई रायकवार, दुकमान अहिरवार, अशोक खरे, जगन जड़िया, लखन केवट शामिल हैं। खनन विभाग के निरीक्षक अनुपम सिंह ने जानकारी दी कि मजदूर प्रकाश मजूमदार को बुधवार (28 सितंबर) जरुआपार खदान में 3.64 कैरेट वजन का हीरा मिला। इसी तरह कल्लू सोनकर ने कृष्णा कल्याणपुर पाटी की खदानों से 6.81 कैरेट का हीरा, राजेश जैन ने 2.28 कैरेट का, राहुल अग्रवाल ने 4.32 कैरेट का और राजाबाई रायकवार ने 1.77 कैरेट का हीरा निकाला।

अधिकारी ने कहा कि कृष्ण कल्याणपुर पाटी की उथली खदानों से गुरुवार (29 सितंबर) को अलग-अलग वजन के करीब 10 हीरे निकाले गए थे। दुकमान अहिरवार सबसे भाग्यशाली खनिक बने, क्योंकि उन्हें लगभग 2.46 कैरेट वजन के छह हीरे मिले हैं। इसी तरह अशोक खरे ने 6.37 कैरेट के दो हीरे निकाले, जबकि जगन जड़िया को 4.74 कैरेट का और लखन केवट का 3.47 कैरेट का पत्थर मिला। नोएडा के मटेरियल सप्लायर राणा प्रताप को मंगलवार (4 अक्टूबर) को 9.64 कैरेट का हीरा मिला। फिलहाल सभी हीरों को डायमंड ऑफिस में जमा कर दिया गया है।

हीरा कार्यालय के अनुसार निकाले गए सभी बेशकीमती पत्थरों की नीलामी 18 अक्टूबर को होगी। अधिकारी ने कहा कि कच्चे हीरे की नीलामी की जाएगी और सरकारी रॉयल्टी और करों की कटौती के बाद प्राप्त राशि उन लोगों के पास जाएगी जिन्हें पत्थर मिले हैं।

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