मध्य प्रदेश

मिशन 2023- एमपी में पूरी तरह चुनावी मोड में आईं दोनों ही प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस …

भोपाल. मध्य प्रदेश में दोनों ही प्रमुख पार्टियां भाजपा और कांग्रेस पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी हैं. एमपी में 2023 का सेमीफाइनल यानी नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव निपटने के बाद अब दोनों ही दल विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. इसी के चलते भाजपा संगठन में बड़े बदलाव करने जा रही है. पार्टी के करीब 20 जिलाध्यक्षों को बदला जा रहा है. वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी के धार्मिक अभियान की काट शुरू कर दी है. पार्टी कमलनाथ को धार्मिक बताकर हिन्दू वोट साधने की तैयारी में पूरी तरह से मैदान में है. कांग्रेस के ट्विटवटर अकाउंट पर ऐसी पोस्ट् की बाढ़ आ गई है, जिसमें पूर्व सीएम कमलनाथ को हनुमान भक्तक बताया जा रहा है. 

बीजेपी इस बार एक-एक कमजोरी पर बारीकी से काम कर रही है. इसी के चलते वह प्रदेश में कुछ कड़े फैसले लेने की तैयारी में दिख रही है. पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा द्वारा 20 से ज्यादा जिलों के जिला अध्यक्षों को बदला जा सकता है. हालांकि अब तक इसकी कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है. दरअसल, नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव संपन्न होने के बाद सभी जिलों के जिला अध्यक्षों की रिपोर्ट बीजेपी प्रदेश संगठन तक पहुंच चुकी है. इस रिपोर्ट के आधार पर ही बीजेपी जिला अध्यक्षों में फेरबदल कर सकती है, क्योंकि कई जिलों में पार्टी की कुछ कमजोरियां भी दिखी हैं, ऐसे में बीजेपी अब सख्त निर्णय ले सकती है. उल्लेखनीय है कि इस बार बीजेपी को प्रदेश के कई जिलों में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में अच्छे परिणाम नहीं मिले हैं, जिनमें जिला अध्यक्षों की कमी भी दिखी है, क्योंकि कई जिलों में जिला अध्यक्ष पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से समन्वयय नहीं बना पाए, जिसके चलते पार्टी को इन स्थानों पर हार का सामना करना पड़ा है.

हाल ही में राजधानी भोपाल के पास रातापानी अभ्यारण में हुई प्रदेश बीजेपी की बैठक में जिलाध्यक्षों की रिपोर्ट का मसला भी उठा था, जिसमें कहा गया कि जिलाध्यक्षों को सभी को साधकर और समन्वय बनाकर ही काम करना होगा. क्योंकि चुनावी साल में किसी की भी अनदेखी नहीं की जा सकती. इसके अलावा पार्टी में गुटबाजी पर भी चर्चा हुई. जिसमें कहा गया कि गुटबाजी करने वाले किसी भी नेता को बख्शा नहीं जाएगा. क्योंकि इस बार कई जिलाध्यक्षों ने पंचायत और निकाय चुनाव में अपने परिजनों को भी चुनाव लड़ाया, जिससे गुटबाजी की स्थिति बनी. ऐसे में पार्टी अब संगठन स्तर पर कसावट करने की तैयारी में हैं.

बीजेपी मध्य प्रदेश में 2023 की तैयारियों में जुट गई है. 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को कुछ नुकसान भी उठाने पड़े थे, ऐसे में पार्टी इस बार इन कमजोरियों को अभी से ठीक कर लेना चाहती है, क्योंकि पिछले चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत ज्यादा था, इसके बावजूद पार्टी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में बीजेपी अभी से एक-एक कमजोरी पर बारीकी से काम कर सभी तैयारियां कर लेना चाहती है.

बीजेपी के धार्मिक अभियान की काट में पूरी कांग्रेस जुट गई है. पीएम मोदी के ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण से पहले कांग्रेस का प्योर हिंदुत्व कार्ड सामने आ रहा है. कांग्रेस कमलनाथ को प्योर हिन्दू वादी नेता बताने में जुट गई है. सोशल मीडिया पर कमलनाथ को हिन्दूवादी छवि बताने वाली पोस्ट की बाढ़ सी आ गई है. इससे लगता है कांग्रेस पार्टी 2023 चुनाव में हिन्दूवादी छवि के सहारे चुनावी नैया को पार लगाने की कोशिश में हैं. ‘महाकाल लोक’ के लोकार्पण से पहले सोशल मीडिया पर कांग्रेस पार्टी और नेता कार्यकर्ता कमलनाथ के हनुमान, महाकाल, भक्ति के पोस्ट लगातार शेयर कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इन दिनों कमलनाथ के बारे में हिंदूवादी पोस्ट की बाढ़ आ गई है.

2018 में अल्पसंख्यकों के वोट का वीडियो कमलनाथ का खूब सुर्खियों में रहा, पर अब एमपी कांग्रेस पूरी तरह से बदली नजर आ रही है. अल्पसंख्यकों को अधर में छोड़कर कांग्रेस पूरी तरह से कमलनाथ को प्योर हिंदूवादी नेता बताने में जुटी हुई है. बता दें कि पूर्व सीएम कमलनाथ के ट्विगटर अकाउंट पर नवरात्र के दिनों में रोजाना 9 देवियों से संबंधित पोस्टट की जा रही है. वहीं, एमपी कांग्रेस के ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्टज की गई है. इस पोस्टस में कांग्रेस ये बताने की कोशिश कर रही है कि कमलनाथ पहले मुख्यटमंत्री हैं, जिन्होंसने महाकाल के नगर को संवारने की कल्पकना की है. ऐसे में ये दिख रहा है कि मध्यहप्रदेश में इस बार चुनावी सियासत में धर्म एक बड़ा मुद्दा रहने वाला है. इसकी तैयारी अभी से शुरू हो गई है.

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