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संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का बोझ उठाने को तैयार नहीं

इस्लामाबाद
नकदी के संकट से जूझ रहा पाकिस्तान घाटे में चल रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का बोझ उठाने को तैयार नहीं है। कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान ने पीआईए के अधिकतर विमानों के उड़ान भरने पर पाबंदी लगा दी थी। हालात इतने गंभीर हैं कि पीआईए के पास अपने विमानों में ईंधन भरवाने को भी पैसे नहीं बचे हैं। कंपनी ने खुद के घाटे की भरपाई के लिए स्टॉफ की छंटनी भी कर चुकी है। इसके अलावा घाटे वाले रूट पर विमानों के परिचालन को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। इसके बावजूद पीआईए का घाटा रुकने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में पाकिस्तान की कार्यवाहक सरकार सरकारी एयरलाइन को बेचने की योजना पर काम कर रही है।

पीआईए को बेचने का काम 98% पूरा

पीआईए को बेचने की योजना पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के निजीकरण मंत्री फवाद हसन फवाद ने कहा, "हमारा काम 98 प्रतिशत पूरा हो गया है। शेष 2 प्रतिशत को कैबिनेट की मंजूरी के बाद एक्सेल शीट पर लाना बाकी है।" पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रशासन को वर्तमान संसद से आईएमएफ के साथ सहमत बजटीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाने का अधिकार दिया गया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में पिछली निर्वाचित सरकारें इस सरकारी एयरलाइन की बिक्री सहित कई दूसरे अलोकप्रिय सुधार करने से कतराती रही हैं। लेकिन जून में, प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ 3 बिलियन डॉलर के बेलआउट समझौते के तहत घाटे में चल रहे राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की।

चुनाव बाद मंजूरी के लिए कैबिनेट में होगा पेश

आईएमएफ समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही हफ्तों बाद सरकार ने पीआईए का निजीकरण करने का फैसला किया। फवाद ने कहा कि लेनदेन सलाहकार अर्न्स्ट एंड यंग (ईएंडवाई) द्वारा तैयार की गई योजना को चुनाव के बाद प्रशासन का कार्यकाल समाप्त होने से पहले मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा, कैबिनेट यह भी तय करेगी कि हिस्सेदारी टेंडर के जरिए बेची जाए या सरकार-से-सरकारी सौदे के जरिए। पाकिस्तान के निजीकरण मंत्री ने कहा, "हमने केवल चार महीनों में वही किया है जो पिछली सरकारें एक दशक से अधिक समय से करने की कोशिश कर रही थीं।" ऐसे में मार्च में मौजूदा बेलआउट कार्यक्रम समाप्त होने के बाद आने वाली सरकार आईएमएफ डील के साथ वापस जाती है तो पीआईए के निजीकरण पर प्रगति एक प्रमुख मुद्दा होगी।

PIA में 51% हिस्सेदारी देगा पाकिस्तान

इस प्रक्रिया से जुड़े दो सूत्रों ने कहा है कि अर्न्स्ट एंड यंग की 1,100 पेज की रिपोर्ट के तहत, एयरलाइन के ऋणों को एक अलग इकाई में रखने के बाद खरीदारों को पूर्ण प्रबंधन नियंत्रण के साथ 51 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की जाएगी। इस बीच, पीआईए के प्रवक्ता अब्दुल्ला हफीज खान ने कहा कि एयरलाइन निजीकरण प्रक्रिया में सहायता कर रही है और लेनदेन सलाहकार को पूर्ण सहयोग दे रही है। तीन वरिष्ठ एयरलाइन अधिकारियों ने चिंता जताते हुए कहा कि तेजी से बिक्री से पीआईए की कीमत कम हो सकती है, इससे पारदर्शी लेनदेन को भी खतरा नहीं होगा।

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